कोच्चि, 23 अप्रैल . केरल हाईकोर्ट ने मंगलवार को उस जनहित याचिका (पीआईएल) को खारिज कर दिया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने अपने नामांकन पत्र के साथ गलत हलफनामा दायर किया है.
तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार चंद्रशेखर का मुकाबला मौजूदा कांग्रेस सांसद शशि थरूर से है.
चुनाव आयोग ने कोर्ट को बताया कि एक बार किसी उम्मीदवार का नामांकन रिटर्निंग अधिकारी द्वारा स्वीकार कर लिया जाता है, तो इस स्थिति में पीआईएल दाखिल नहीं किया जा सकता. संबंधित पक्ष को हाईकोर्ट में इलेक्शन पिटिशन देना होता है.
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि हमारी राय है कि क्या रिटर्निंग ऑफिसर को शिकायत पर विचार करना चाहिए था और तर्कसंगत आदेश पारित करना चाहिए था. इस स्तर पर इस पर विचार नहीं किया जा सकता. यदि याचिकाकर्ता किसी उम्मीदवार द्वारा दायर हलफनामे से व्यथित है तो उसे चुनाव याचिका दायर करना चाहिए.
कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से पूछा, “ऐसा वैधानिक प्रावधान कहां है जो कहता है कि उन्हें दी गई शिकायतों पर रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा एक तर्कसंगत आदेश दिया जाना चाहिए.”
जब याचिकाकर्ता के वकील ने पूछा कि क्या उनका मुवक्किल यह जानने का हकदार है कि शिकायत पर क्या कार्रवाई की गई, तो इस पर अदालत ने कहा, “वह चरण समाप्त हो चुका है. आपको कोई तर्कसंगत आदेश न देना सही था या नहीं, हम अभी निर्णय नहीं कर सकते. हमें कोई वैधानिक प्रावधान नहीं मिल रहा है.”
याचिकाकर्ता अवनी बंसल और रेनजिथ थॉमस ने आरोप लगाया था कि केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने जानबूझकर अपनी संपत्ति, लक्जरी कारों और निजी जेट समेत अपनी संपत्तियों का ब्योरा नहीं दिया है और विभिन्न कंपनियों में अपने शेयरों का भी बहुत कम मूल्यांकन किया है.
बता दें कि केरल में 26 अप्रैल को मतदान होना है.
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एफजेड/