तिरुवनंतपुरम, 22 अप्रैल . केरल में तीन मुख्य राजनीतिक दल कांग्रेस, वामपंथी और भाजपा आगामी लोकसभा चुनावों में अपनी जीत का दावा कर रहे हैं.
‘भगवान का अपना देश’ कहे जाने वाले केरल मे 20 लोकसभा सदस्यों को चुनने के लिए 26 अप्रैल को मतदान होगा.
राज्य में डेरा डाले सीपीआई-एम के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि उन्हें 2004 के पार्टी के प्रदर्शन को दोहराने की उम्मीद है, जब उन्होंने 20 में से रिकॉर्ड 18 सीटें जीती थीं.
उन्होंने पीएम मोदी के उस बयान को खारिज कर दिया कि भाजपा के नेतृत्व में एनडीए को केरल में जीत मिलेगी.
2019 के आम चुनावों में 20 में से 19 सीटें जीतने वाली कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूडीएफ ने भी राज्य में अपना प्रदर्शन दोहराने का दावा किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के.सुधाकरन ने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि केरल का चुनावी नतीजा यूडीएफ के पक्ष में और पीएम मोदी और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के खिलाफ आएगा.”
उन्होंने कहा कि केरल में लोग जानते हैं कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आपस में मिले हुए हैं.
इस बीच भाजपा राज्य में सीटें जीतने की उम्मीद लगाए बैठी है. पार्टी को उम्मीद है कि वह कम से कम तिरुवनंतपुरम और त्रिशूर सीट पर जीत हासिल करेगी.
गौरतलब है कि 2019 के आम चुनाव में, तिरुवनंतपुरम को छोड़कर, शेष 19 निर्वाचन क्षेत्रों में भाजपा तीसरे स्थान पर रही थी.
2019 के चुनाव में, कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने 47.48 प्रतिशत वोटों के साथ 19 सीटों पर जीत हासिल की. सीपीआई-एम के नेतृत्व में वामदलों को 36.29 प्रतिशत वोट और एक सीट मिली, जबकि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को 15.64 प्रतिशत वोट मिलेे, लेकिन सीटों के मामले में हाथ खाली रहा.
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