लंदन, 21 अप्रैल . लंदन के मेट्रोपॉलिटन (मेट) पुलिस प्रमुख को फिलीस्तीन समर्थक विरोध प्रदर्शनों से निपटने के मामले को लेकर पद छोड़ने की मांग का सामना करना पड़ रहा है.
कैम्पेन अगेंस्ट एंटीसेमिटिज्म (सीएए) और ब्रिटेन की पूर्व गृह सचिव सुएला ब्रेवरमैन ने सर मार्क राउली पर यहूदी-विरोधियों को “साहस बढ़ाने” का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने या बर्खास्त करने की अपील की है.
ब्रेवरमैन ने राउली के इस्तीफे की मांग करने के लिए द संडे टेलीग्राफ में एक ऑप-एड का इस्तेमाल किया, इसमें कहा गया कि जो लोग “घोर रूप से यहूदी विरोधी” थे, उन्हें “पुलिस द्वारा परेशान किया जा रहा.”
उसने कहा “या तो यह घोर अक्षमता है, या यह ऊपर से आने वाली संस्कृति है, जहां ठग डराने और परेशान करने के लिए स्वतंत्र हैं, जबकि हममें से बाकी लोगों को अपना मुंह बंद रखना है और रास्ते से दूर रहना है.”
एक बयान में सीएए के मुख्य कार्यकारी गिदोन फाल्टर ने कहा “नस्लवादियों, चरमपंथियों और आतंकवादी समर्थकों ने उनके आदेश के तहत मेट के बहाने और जड़ता को देखा है और ठीक उस समय उनकी निष्क्रियता से उत्साहित हुए हैं जब उन्हें इस आपराधिकता पर नकेल कसने के लिए नए सिरे से संकल्प का संकेत देना चाहिए था.”
“सर मार्क के नेतृत्व में मेट ने छह महीने के दौरान यहूदी समुदाय के साथ जो किया है, वह पूरी तरह से अक्षम्य है और अब उसके जाने का समय आ गया है.”
ब्रिटेन के उप प्रधानमंत्री ओलिवर डाउडेन सहित अन्य हस्तियां मेट के आलोचक हैं, लेकिन उन्होंने यह नहीं कहा कि राउली को जाना चाहिए.
डाउडेन ने द संडे टेलीग्राफ को बताया कि बल यहूदियों का अपमान कर रहा, जबकि राजनीतिक हिंसा पर यूके सरकार के सलाहकार लॉर्ड वाल्नी ने मेट पर “संस्थागत यहूदी विरोधी भावना” प्रदर्शित करने का आरोप लगाया.
राउली ने कहा कि मेट का प्रत्येक सदस्य यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि लंदन एक ऐसा शहर है, जहां हर कोई सुरक्षित महसूस करता है.
हम पूरी तरह से समझते हैं कि इजराइल पर आतंकवादी हमलों के बाद से यहूदी और मुस्लिम लंदनवासी कितना असुरक्षित महसूस करते हैं.
हमारे कुछ कार्यों ने इस चिंता को बढ़ा दिया है. मैं व्यक्तिगत रूप से इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी माफी दोहराता हूं. आज हर दूसरे दिन की तरह हमारे अधिकारी साहस, सहानुभूति और निष्पक्षता के साथ पुलिस सेवा जारी रखेंगे.”
13 अप्रैल को मध्य लंदन में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान सीएए द्वारा एक पुलिस अधिकारी को “खुले तौर पर यहूदी” बताते हुए फुटेज प्रकाशित होने के बाद से फ़ॉल्टर प्रदर्शनों की पुलिसिंग को लेकर विवाद के केंद्र में हैं.
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