नई दिल्ली, 20 अप्रैल . इस साल फरवरी में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शुद्ध रूप से 15.48 लाख सदस्य जुड़े हैं, जो इस महीने के दौरान देश के संगठित क्षेत्र में बढ़े हुए रोजगार को दर्शाता है. संगठन के शनिवार को जारी प्रोविजनल पेरोल डेटा में यह जानकारी सामने आई है.
आंकड़ों से यह भी पता चलता है कि फरवरी के दौरान लगभग 7.78 लाख नए सदस्यों को ईपीएफओ में नामांकित किया गया है, जिनमें से 18-25 आयु वर्ग के युवा 56.36 प्रतिशत हैं.
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, यह दिखाता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति युवा हैं, मुख्य रूप से पहली बार नौकरी चाहने वाले.
पेरोल डेटा से पता चलता है कि लगभग 11.78 लाख सदस्य फरवरी में बाहर निकल गए और बाद में ईपीएफओ में फिर से शामिल हो गए. इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदल ली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने की बजाय अपने संचय को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना, जिससे दीर्घकालिक वित्तीय कल्याण की रक्षा हुई और उनकी सामाजिक सुरक्षा का विस्तार हुआ.
पेरोल डेटा के लिंग-वार विश्लेषण से पता चलता है कि 7.78 लाख नए सदस्यों में से लगभग 2.05 लाख महिला हैं.
इसके अलावा, महीने के दौरान महिला सदस्यों की शुद्ध संख्या लगभग 3.08 लाख बढ़ी.
महिला सदस्यों का जुड़ना अधिक समावेशी और विविधतायुक्त कार्यबल की ओर व्यापक बदलाव का संकेत है.
विनिर्माण, विपणन सर्विसिंग और कंप्यूटर के उपयोग में लगे प्रतिष्ठान, सड़क मोटर परिवहन, ऑटोमोबाइल सर्विसिंग, कपड़ा आदि के क्षेत्र में कारोबार करने वाली कंपनियों से सबसे ज्यादा सदस्य जुड़े.
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एकेजे/