रांची, 18 अप्रैल . झारखंड में मौसम और चुनाव की तपिश जैसे-जैसे बढ़ रही है, प्रत्याशियों-प्रतिद्वंद्वियों के बीच जुबानी तल्खियां भी तेज हो रही है. ताजा मामला दुमका का है, जहां जेएमएम प्रत्याशी नलिन सोरेन और भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन एक-दूसरे पर जुबानी हमले कर रहे हैं.
शुरुआत जेएमएम प्रत्याशी नलिन सोरेन की ओर से हुई. उन्होंने सीता सोरेन को चेतावनी दे डाली कि अगर उन्होंने जेएमएम और हेमंत सोरेन के खिलाफ बोलना जारी रखा तो उनके साथ वैसा ही सलूक हो सकता है, जैसा सिंहभूम में भाजपा की प्रत्याशी गीता कोड़ा के साथ हुआ.
दरअसल, बीते दिनों गीता कोड़ा को एक गांव में झामुमो समर्थकों ने घेरकर उनके साथ धक्का-मुक्की की थी. गीता कोड़ा वहां करीब डेढ़ घंटे तक बंधक बनी रही थीं. इस दौरान उनके पीए और कुछ समर्थकों के साथ मारपीट भी की गई थी. नलिन सोरेन के इस बयान को लेकर भाजपा प्रत्याशी सीता सोरेन और पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. सीता सोरेन ने इसे गिदड़ भभकी करार दिया है.
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “नलिन सोरेन जी, जरा अपने महल से निकलकर जनमानस के बीच जाएं, तो शायद आपको अहसास हो जाए कि जेएमएम और उसके भ्रष्टाचारी आकाओं के लिए प्रदेश तथा दुमका की जनता में कितना आक्रोश है. रही बात आपकी गीदड़ धमकी की, तो आपके बाजुओं और लाठियों में अभी इतनी ताकत नहीं कि वो मुझे जनता से मिलने, सच बोलने और संवाद करने से रोक सके.”
सीता सोरेन ने गीता कोड़ा के साथ हुई घटना को जेएमएम कार्यकर्ताओं का कायराना हमला बताया है. उन्होंने कहा है, “आप इस कुकृत्य पर छाती चौड़ी करना छोड़ दें, वरना प्रदेश की जनता जेएमएम और आप जैसे नेताओं का वो हश्र करेगी, कि नींद में भी एक ही जैसे सपने हर रोज आकर बहुत सताएंगे.”
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि नलिन सोरेन जैसे वरिष्ठ नेता का यह वक्तव्य झामुमो के उस अंदरूनी खूनी मानसिकता को उजागर करता है, जिसमें हेमंत सोरेन का विरोध करने वालों पर जानलेवा हमला भी कराया जा सकता है.
मरांडी ने एक्स पर झामुमो से सवालिया लहजे में पूछा, “सीता सोरेन जी ने लगभग डेढ़ दशक तक झामुमो विधायक के रूप में पार्टी की सेवा की. यदि उन्होंने अपने साथ हो रहे अपमानजनक व्यवहार और साजिश के विरोध में पार्टी छोड़ी तो क्या झामुमो उन पर जानलेवा हमला करा देगा! … कहीं, दुर्गा सोरेन जी की मौत भी इसी खूनी मानसिकता का परिणाम तो नहीं है!”
उन्होंने आगे कहा, “वज़ह जो भी हो, झामुमो द्वारा भाजपा की महिला प्रत्याशियों पर हमले की धमकी देना उनके कायरता और चुनाव के पूर्व ही पराजय को दर्शाता है.”
मरांडी ने चुनाव आयोग और झारखंड के डीजीपी से इस मामले में संज्ञान लेते हुए कार्रवाई की मांग की है.
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एसएनसी/एबीएम