बीजिंग, 17 अप्रैल . भारत के प्रसिद्ध कवि, लेखक, दार्शनिक और कार्यकर्ता रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 12 अप्रैल 1924 को शांगहाई पहुंचकर 50 से अधिक दिनों तक चीन का दौरा किया था. अपने जीवन में टैगोर ने तीन बार शांगहाई की यात्रा की थी. इस साल टैगोर की पहली चीन यात्रा की सौवीं वर्षगांठ है.
टैगोर की याद में भारत के 6 विद्वानों और कलाकारों से गठित दल ने 14 से 16 अप्रैल तक शांगहाई का दौरा किया. उन्होंने पुरालेख ब्यूरो, चिनयुआन हाई स्कूल और टैगोर के ठहरने की जगह का दौरा किया और थोंगची विश्वविद्यलाय में एक कार्यक्रम में भाग लिया.
शांगहाई के चिनहुआन हाईस्कूल में भारतीय नर्तक सूरज टैगोर ने चीनी छात्रों को रवीन्द्रनाथ टैगोर की कविताओं द्वारा रचित नृत्य दिखाये. वहीं, थोंगची विश्वविद्यालय के अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान कॉलेज में उन्होंने कई देशों के छात्रों के साथ नृत्य किया. युवा छात्र न सिर्फ चीन और भारत का भविष्य हैं, बल्कि एशिया और दुनिया की आशा भी हैं.
बता दें कि वर्ष 2008 में चिनहुआन हाईस्कूल और रवीन्द्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल स्कूल ने मित्रवत स्कूल के संबंध जोड़े. यह भारत के साथ मैत्री स्कूल समझौते पर हस्ताक्षर करने वाला चीन का पहला हाईस्कूल है. यात्रा के दौरान शांगहाई के लेखक संघ के उप प्रमुख चाओ लीहोंग ने भारतीय प्रतिनिधियों को अपने काव्य संग्रह दिये. पुरालेख ब्यूरो की प्रमुख श्यू वेईवान ने भारतीय प्रतिनिधियों को पुरालेख संग्रह का परिचय दिया.
(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)
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