दिल्ली हाई कोर्ट में पीआईएल दायर कर सीएम केजरीवार को सरकार चलाने के लिए जेल में सुविधाएं देने की मांग

नई दिल्ली, 17 अप्रैल . आबकारी नीति मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को न्यायिक हिरासत से सरकार चलाने के लिए सारी सुविधाएं मुहैया कराने की वकालत करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है.

वकील श्रीकांत प्रसाद द्वारा दायर जनहित याचिका में निर्बाध शासन सुनिश्चित करने के लिए मुख्यमंत्री को कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठक के लिए वर्चुअल कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा देने की मांग की गई है.

साथ ही मीडिया को सीएम केजरीवाल के संभावित इस्तीफे और राष्ट्रीय राजधानी में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बारे में सनसनीखेज खबरें प्रसारित करने से रोकने की भी मांग की गई है.

इसके अलावा, इसमें भाजपा दिल्ली अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा को निशाना बनाते हुए आरोप लगाया गया है कि उनके विरोध और बयान राजनीति से प्रेरित इरादों के साथ केजरीवाल के इस्तीफे के लिए अनुचित दबाव बनाते हैं और शांति तथा यातायात को बाधित करते हैं.

प्रसाद की याचिका में दिल्ली के शासन के सराहनीय ट्रैक रिकॉर्ड पर जोर दिया गया है, खासकर पिछले सात वर्षों में शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्रों में. इसमें तर्क दिया गया है कि राष्ट्रीय राजधानी में वर्तमान परिस्थितियां भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21, 14 और 19 के तहत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करती हैं.

यह कहते हुए कि न तो संविधान और न ही कोई कानून मुख्यमंत्रियों या प्रधानमंत्रियों सहित मंत्रियों को जेल से शासन करने से रोकता है, प्रसाद ने याचिका में “लोगों के कल्याण के लिए” शासन में निरंतरता सुनिश्चित करने की आवश्यकता का हवाला देते हुए मामले की तात्कालिकता पर जोर दिया है.

याचिका में प्रसाद ने कहा है, “चूंकि संविधान के निर्माता इस बात को लेकर काफी सतर्क थे कि ऐसी स्थिति आ सकती है जब देश की राजनीति सबसे बुरे दौर में पहुंच जाएगी और उस समय जनता के मौलिक अधिकारों को बरकरार रखने के लिए यह बहुत जरूरी है कि कोई बाध्यता या इस्तीफे के लिए कोई अनिवार्यता न हो, अन्यथा किसी भी मंत्री को इस्तीफा देने के लिए उसी कार्यप्रणाली को दोहराने से गंभीर परिणाम उत्पन्न हो सकते हैं.”

प्रसाद की याचिका में कहा गया है, “अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में 70 में से 62 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया. इसके अलावा 7 फरवरी 2015 को हुए पिछले दिल्ली विधानसभा चुनाव में भी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी ने 70 में से 67 सीटें जीतीं. इससे पता चलता है कि श्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दिल्ली का शासन भारत में एक अभूतपूर्व घटना है.”

याचिका में संवैधानिक सुरक्षा उपायों और मुख्यमंत्री की कानूनी कठिनाइयों के बावजूद शासन की निरंतरता बनाए रखने की अनिवार्यता पर जोर दिया गया है.

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