लखनऊ, 17 अप्रैल . सात चरणों में होने वाले लोकसभा आम चुनावों में किसी भी आपदा से निपटने के लिए उत्तर प्रदेश शासन की ओर से एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की गई है.
इस एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर की मदद से किसी भी आकस्मिक स्थिति में न सिर्फ मदद पहुंचाई जा सकेगी, बल्कि अर्द्धसैनिक बलों, पुलिस बलों के व्यवस्थापन के साथ ही मेडिकल सहायता पहुंचाने में भी मदद मिलेगी.
अलग-अलग चुनावी चरणों के हिसाब से इन एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर को अलग-अलग लोकेशंस पर तैनात किया जाएगा. एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर हरियाणा के गुरुग्राम स्थित एक निजी एविएशन कंपनी से लीज पर लिए गए हैं.
उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव सात चरणों में होना है. इसके लिए किसी भी संकट की स्थिति का सामना करने के लिए एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर को हायर किया गया है.
शासन की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक प्रत्येक चरण में चुनावों की लोकेशन के आधार पर एयर एंबुलेंस और हेलीकॉप्टर को तैनात किया जाएगा.
19 अप्रैल को पहले चरण में यूपी के पश्चिम क्षेत्र की सीटों पर मतदान होना है. इसके लिए हेलीकॉप्टर को 18 अप्रैल और 19 अप्रैल को मुरादाबाद में तैनात किया गया है, जबकि, एयर एंबुलेंस को 19 अप्रैल को बरेली में तैनात किया गया है.
इसी तरह दूसरे चरण यानी 26 अप्रैल को हेलीकॉप्टर अलीगढ़ और एयर एंबुलेंस मेरठ में तैनात किया गया है. 7 मई को तीसरे चरण में हेलीकॉप्टर आगरा और एयर एंबुलेंस को बरेली में लोकेट किया गया है.
13 मई को चौथे चरण में हेलीकॉप्टर कानपुर तो एयर एंबुलेंस लखनऊ में तैनात रहेगा. इसी प्रकार पांचवें चरण यानी 20 मई को हेलीकॉप्टर झांसी तो एयर एंबुलेंस लखनऊ में रहेगा. छठे चरण में हेलीकॉप्टर अयोध्या और एयर एंबुलेंस प्रयागराज में तैनात रहेगी. अंतिम चरण यानी सातवें फेज के चुनाव में एक जून को हेलीकॉप्टर गोरखपुर और एयर एंबुलेंस वाराणसी में तैनात होंगे.
अधिकारियों के मुताबिक आकस्मिक परिस्थितियों में मेडिकल सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही सैनिकों को लाने और ले जाने में हेलीकॉप्टर और एयर एंबुलेंस मददगार साबित होंगे.
गुरुग्राम की जेट सर्व एविएशन प्रा. लि. से 5.60 लाख रुपए के न्यूनतम उपयोग (2 घंटे प्रतिदिन) के लिए लीज पर लिया गया है. 7 दिन के हिसाब से इस पर कुल 39.20 लाख रुपए का खर्च आएगा.
प्रदेश शासन की ओर से इसकी वित्तीय स्वीकृति भी दी जा चुकी है. भुगतान और जीएसटी के साथ नियमानुसार गणना का दायित्व उत्तर प्रदेश नागरिक उड्डयन विभाग और उत्तर प्रदेश पुलिस मुख्यालय, लखनऊ का होगा. खर्च के बाद भी यदि कोई धनराशि शेष बचती है तो उसे नियमानुसार राजकोष में जमा कराया जाएगा.
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विकेटी/एकेएस