नई दिल्ली, 15 अप्रैल . जहां दुनिया के अधिकांश लोग 50 साल की उम्र में रिटायरमेंट के बारे में सोचते हैं, वहीं दिल्ली की एक वरिष्ठ आईआरएस महिला अधिकारी एकता विश्नोई ने साबित कर दिया है कि जब फिटनेस की बात आती है, तो उम्र सिर्फ एक संख्या है.
पहले ही फिटनेस की दुनिया में अपनी पहचान बना चुकी भारतीय खेल प्राधिकरण की उप-महानिदेशक एकता विश्नोई, अब पावरलिफ्टिंग की दुनिया में अपना दबदबा बना रही हैं.
उन्होंने हाल ही में हैदराबाद में संपन्न हुई नेशनल सीनियर पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कई पदक जीते हैं और रिकॉर्ड तोड़े.
50 साल की उम्र में विश्नोई ने अपने से आधी उम्र की लड़कियों के साथ प्रतिस्पर्धा की और डेडलिफ्ट में 165 किलोग्राम की सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट के साथ रजत पदक जीता.
साथ ही स्क्वाट में 132.5 किलोग्राम, बेंच प्रेस में 70 किलोग्राम और डेडलिफ्ट में 165 किलोग्राम की सर्वश्रेष्ठ लिफ्ट के साथ कुल मिलाकर कांस्य पदक जीता. इन लिफ्टों के साथ, उन्होंने प्रतियोगिता में मास्टर 2 श्रेणी के सभी रिकॉर्ड भी तोड़ दिए.
इससे पहले, विश्नोई ने राष्ट्रीय मास्टर्स पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, कॉमनवेल्थ पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप और एशियन पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2022 में भी एक स्वर्ण और एक रजत पदक जीता था.
उनकी उपलब्धि के लिए, उन्हें 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन द्वारा सम्मानित किया गया था.
इससे भी बड़ी बात यह है कि वह एक एथलीट के रूप में ही नहीं, बल्कि एक प्रशासक के रूप में भी धूम मचा रही हैं.
1999 बैच की भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) अधिकारी, विश्नोई वर्तमान में फिट इंडिया मूवमेंट के मिशन निदेशक के रूप में कार्यरत हैं, जो भारत को एक फिट और स्वस्थ राष्ट्र बनाने के लिए भारत सरकार की पहल है.
अब उनका लक्ष्य इस साल अक्टूबर में दक्षिण अफ्रीका में होने वाली वर्ल्ड मास्टर्स पावरलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करना और पदक जीतना है.
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