नई दिल्ली, 14 अप्रैल . भाजपा ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना घोषणा पत्र जारी कर दिया है. इस संकल्प पत्र को ‘मोदी की गारंटी’ का नाम दिया गया है. यहां भाजपा कार्यालय में संकल्प पत्र जारी करते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मौजूद रहे. इस अवसर पर पीएम ने यूनिफॉर्म सिविल कोड का जिक्र करते हुए कहा कि भाजपा इसे बेहद महत्वपूर्ण मानती है.
उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य है जहां कानून के तौर पर यूसीसी लागू करने की राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है. प्रधानमंत्री ने देश के लिए जिस यूसीसी की बात कही है उसके स्वरूप कैसा होगा, इसके बारे में ने टैक्सएब संस्था के अध्यक्ष, सामाजिक कार्यकर्ता एवं जनसंख्या विशेषज्ञ; और उत्तराखंड यूसीसी ड्राफ्ट कमेटी के सदस्य मनु गौड़ से जानने की कोशिश की.
मनु गौड़ का मानना है कि उत्तराखंड का ड्राफ्ट ही देश के लिए यूसीसी का आदर्श ड्राफ्ट है. चूंकि राज्य के स्तर पर कई चीजें जो इस ड्राफ्ट में वर्णित थी, उसे मंजूरी नहीं दी जा सकती थी. ऐसे में इसे लागू करने से पहले उत्तराखंड के राज्यपाल ने अपनी सहमति के बाद राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा था. राष्ट्रपति से इसको मंजूरी प्राप्त हो गई. अब यह कानून लागू होने के लिए तैयार है.
मनु गौड़ ने इस कानून को लेकर बताया कि इसका विजन ही देश में किसी से बिना धार्मिक और सामाजिक भेदभाव किए एक समान तरीके से सब पर लागू करना है. ऐसे में केंद्र सरकार जैसे ही इस ड्राफ्ट के आधार पर पूरे देश के लिए कानून बनाएगी, केंद्र की कई चीजें जो ड्राफ्ट में राज्य की शक्ति सीमा में नहीं आती हैं स्वतः उसे केंद्र की मंजूरी मिल जाएगी और इसे लागू करने में ज्यादा परेशानी नहीं आएगी.
उन्होंने बताया कि इस कानून की एक और खासियत है कि इसमें किसी भी तरह की व्यवस्था के लिए लोगों को सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यह यूसीसी कानून और इसकी नियमावली का मसौदा पूर्णतः इलेक्ट्रॉनिकीकरण के साथ तैयार हो रहा है. कानून के लिए वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप इत्यादि का भी निर्माण सुनिश्चित किया जा रहा है. ताकि लोग घर बैठे वेब पोर्टल या मोबाइल एप के माध्यम से अपना रजिस्ट्रेशन स्वयं सुनिश्चित कर सकें.
मनु गौड़ ने बताया कि प्रधानमंत्री के डिजिटल इंडिया के विजन को इस कानून में साकार रूप दिया गया है. यह देश का पहला ऐसा कानून है जिसके लिए बड़ी संख्या में लोगों से राय और सुझाव मांगे गए. उस पर गहन विचार कर कानून का ड्राफ्ट तैयार किया गया.
समान नागरिक संहिता उत्तराखंड कानून 2024 का ड्राफ्ट तैयार करने वाली समिति की अगुवाई न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) रंजना प्रकाश देसाई कर रही थीं. इस समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह, मनु गौड़, डॉ. सुरेखा डंगवाल और सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति प्रमोद कोहली थे.
इसके बाद इस ड्राफ्ट को उत्तराखंड विधानसभा में पारित कराया गया और इसे राज्यपाल के पास मंजूरी के लिए भेजा गया. जहां से राज्यपाल ने इस कानून को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा और फिर वहां से मंजूरी मिलने के बाद समान नागरिक संहिता उत्तराखंड कानून 2024 की नियमावली तैयार करने और इसे लागू कराने के लिए भी राज्य सरकार की तरफ से एक नई समिति का गठन किया गया. इस कमेटी में पांच सदस्य हैं, जिनमें तीन सदस्य – सेवानिवृत्त आईएएस शत्रुघ्न सिंह (अध्यक्ष), प्रो. डंगवाल और सामाजिक कार्यकर्ता मनु गौड़ – ड्राफ्ट समिति में भी थे. इनके अलावा अपर पुलिस महानिदेशक अमित सिन्हा और स्थानिक आयुक्त उत्तराखंड अजय मिश्रा को भी नियमावली समिति में जगह दी गई है.
उल्लेखनीय है कि भाजपा के संकल्प पत्र कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद-44 में यूसीसी को नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में वर्णित किया गया है. ऐसे में “भाजपा यह मानती है कि जब तक इसे देश में लागू नहीं किया जाता है तब तक महिलाओं को समान अधिकार मिलना संभव नहीं है. भाजपा देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है जिससे परंपराओं को आधुनिक समय की जरूरतों के हिसाब से ढाला जाए”.
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जीकेटी/एकेजे