बेंगलुरु, 12 अप्रैल . राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को शुक्रवार को बेंगलुरु के एक कैफे में 1 मार्च को हुए विस्फोट के सिलसिले में कोलकाता के बाहरी इलाके से गिरफ्तार दो व्यक्तियों की तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड मिल गई.
गिरफ्तार अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजेब बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में कम तीव्रता वाले विस्फोट के बाद से फरार थे.
गिरफ्तारी के बाद, दोनों को कोलकाता की एक विशेष एनआईए अदालत में पेश किया गया, जिसने एजेंसी को तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड दी.
इस बीच, सूत्रों ने पुष्टि की है कि संदिग्ध हमलावरों को बेंगलुरु लाया जा रहा है.
एनआईए ने एक महीने तक चली तलाशी के बाद बेंगलुरु कैफे विस्फोट मामले में मास्टरमाइंड सहित दो फरार व्यक्तियों को कोलकाता के पास उनके ठिकाने पर ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया है.
एनआईए ने मुसाविर हुसैन शाजिब की पहचान कैफे में आईईडी लगाने वाले व्यक्ति के रूप में की थी, जबकि अब्दुल मतीन ताहा साजिश के पीछे का मास्टरमाइंड था. उसने विस्फोट की योजना बनाई थी और उसे अंजाम दिया था, जिससे कैफे में कई ग्राहक और कर्मचारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
अदबुल मतीन ने ही भागने की योजना पर भी काम किया और एक महीने से ज्यादा समय तक गिरफ्तारी से बचने में कामयाब रहा.
एनआईए ने कहा कि दोनों अपने सह-आरोपी माज़ मुनीर अहमद के साथ पहले आतंकी मामलों में शामिल थे.
एनआईए ने 3 मार्च को बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट की जांच अपने हाथ में ली थी. उसने माज़ मुनीर अहमद और मुज़्ज़मिल शेरिफ के साथ इन दोनों आरोपियों की पहचान उन व्यक्तियों के रूप में की थी, जिन्होंने 1 मार्च को हुए विस्फोट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
एनआईए ने कहा कि मुज्जमिल शेरिफ आईईडी विस्फोट को अंजाम देने में अन्य दो आरोपियों को साजो-सामान की मदद मुहैया करने में शामिल था.
विभिन्न अन्य केंद्रीय एजेंसियों और कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, आंध्र प्रदेश तथा तेलंगाना के पुलिस विभागों के साथ समन्वय में काम करने के बाद एजेंसी ने आखिरकार शुक्रवार को दोनों को कोलकाता में ढूंढ लिया.
यह जानने पर कि आतंकवादी फर्जी पहचान के तहत कोलकाता के पास एक लॉज में रह रहे थे, एनआईए ने पश्चिम बंगाल पुलिस से सहायता के लिए अनुरोध किया, जिससे तलाशी अभियान सफल हुआ और दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी हुई.
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एकेजे/