नई दिल्ली, 2 अप्रैल . सरकार ने सीसीटीवी (क्लोज्ड-सर्किट टेलीविजन) कैमरों के माध्यम से सूचना लीक के खतरे पर एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को उन ब्रांडों से उपकरण खरीदने से बचने की सलाह दी गई है, जिनका सुरक्षा उल्लंघनों और डेटा लीक का इतिहास है.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मार्च में इंटरनल एडवाइजरी जारी की थी. इसमें सरकारी मंत्रालयों और विभागों को सीसीटीवी कैमरों एवं आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) उपकरणों की समग्र सुरक्षा और अखंडता की सुरक्षा के लिए सार्वजनिक खरीद के दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी थी.
सरकार ने यह कदम निगरानी कैमरों में सुरक्षा खामियों के कारण विभिन्न साइबर सुरक्षा घटनाओं को देखने के बाद उठाया है.
सरकार ने 11 मार्च को जारी एडवाइजरी में कहा था, “ये निगरानी प्रौद्योगिकियां कई तरह का फायद देती हैं. यह निगरानी और सुरक्षा के लिए मूल्यवान उपकरण हैं, लेकिन वे कुछ चिंताएं और जोखिम भी पैदा करती हैं. सीसीटीवी सिस्टम से जुड़े कुछ बढ़ते जोखिमों में डेटा सुरक्षा, गोपनीयता उल्लंघन, हैकिंग और साइबर हमला आदि शामिल हैं.”
विभिन्न मंत्रालयों और विभागों ने सीसीटीवी कैमरों की तैनाती और ऐसे उपकरणों के हार्डवेयर टेस्टिंग से जुड़े सुरक्षा पहलुओं के बारे में चिंता जताई.
इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मंत्रालयों से खरीद दिशानिर्देशों, विशेष रूप से सार्वजनिक खरीद आदेश (मेक इन इंडिया), 2017 और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी सामान (अनिवार्य पंजीकरण की आवश्यकता) आदेश, 2021 का पालन करने को कहा है.
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एफजेड/एबीएम