नई दिल्ली, 30 मार्च . जन सुराज के सूत्रधार व राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न मिलना बहुत अच्छी और स्वागत योग्य बात है. हालांकि उन्होंने इसकी टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं.
पीके ने मीडिया से कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की मांग बिहार और देश में लंबे समय से की जा रही थी. लेकिन, ये सब बातें चुनाव के एक से दो महीने पहले इसलिए की जाती हैं, ताकि लोग अपनी 5 साल की समस्या को भूलकर दोबारा इन्हीं सब बातों में आकर, बहकर फिर से वही गलती कर दे और उन्हें ही वोट करे.
उन्होंने कहा कि बिहार के लोगों को एक बात जो मैं कहना चाहता हूं वह यह कि अगर लोग लगातार ऐसे ही गलती करेंगे, तो यहां की स्थिति वैसे ही बनी रहेगी, जैसे पहले से है. ऐसा तो नहीं है कि बिहार ने लालू यादव का शासन नहीं देखा, नीतीश कुमार या नरेंद्र मोदी का शासन नहीं देखा. पिछले 10 सालों से नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, इससे बिहार में बेरोजगारी में क्या कमी आ गई? उससे बिहार में पलायन तो रूका नहीं.
प्रशांत किशोर ने कहा कि इससे पहले जब केंद्र में यूपीए की सरकार थी, तब भी बिहार की दशा यही थी. ये बात ही बेमानी है कि किसने बिहार का भला किया और किसकी वजह से बिहार का नुकसान हुआ. जितने भी दल और नेता बिहार में रहे, उन्होंने जो काम किया या करने का दावा कर रहे हैं उनके विकास कार्यों को सही मान भी लें तो भी इससे कोई इनकार नहीं कर सकता है कि पूरे देश में सबसे पिछड़ा, गरीब और भुखमरी वाला राज्य बिहार है. बिहार की जनता को यह सोचना है कि देश तेजी से आगे बढ़े, लेकिन बिहार पहले से जहां था आज भी वहीं है.
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