नई दिल्ली, 29 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स के साथ बातचीत में न केवल एआई, जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल समावेशन पर चर्चा की, बल्कि उन्हें व्यस्त समय में आंतरिक शांति पाते हुए स्वस्थ रहने के बारे में कुछ उपयोगी सुझाव भी दिए.
जब अरबपति ने पीएम मोदी से पूछा कि लगभग चौबीस घंटे काम करने के बावजूद वह इतनी ऊर्जा का स्तर कैसे बनाए रखते हैं, तो प्रधानमंत्री ने जवाब दिया, “मुझे अपने शिक्षकों द्वारा सिखाई गई आध्यात्मिक अभ्यास के माध्यम से आंतरिक शांति मिलती है जो मुझे ऊर्जावान बनाती है. यह ऊर्जा शारीरिक शक्ति से नहीं बल्कि मेरे समर्पण और काम करने की भावना से उत्पन्न होती है.”
प्रधानमंत्री ने कहा, “मेरा शरीर कम आराम करने का आदी हो गया है. मैं कम घंटे सोता हूं, देर रात तक काम करता हूं, फिर भी जल्दी उठता हूं, तरोताजा महसूस करता हूं. यह आंशिक रूप से हिमालय में बिताए समय से आया है, जहां मैंने सुबह-सुबह नहाना शुरू किया था.”
परिणामस्वरूप, मुझे आराम करने के लिए पारंपरिक तरीकों की आवश्यकता नहीं है.
जब जिज्ञासु गेट्स ने पीएम मोदी से पूछा कि बाजरा वैश्विक स्तर पर शाकाहारी भोजन को देखने के तरीके को कैसे बदल रहा है, तो प्रधानमंत्री ने कहा कि बाजरा को बढ़ावा देना आगे बढ़ने का एक बड़ा तरीका हो सकता है, क्योंकि इसे अपनाने से कई स्वास्थ्य लाभ हो सकते हैं.
पीएम मोदी ने कहा, “मैंने बाजरा उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है. कई प्रतिष्ठित कंपनियां अब बाजरा-आधारित उत्पादों की पेशकश कर रही हैं, इसके मूल्य को बढ़ा रही हैं और इसे ट्रेंडी बना रही हैं. यहां तक कि पांच सितारा होटलों ने भी विशेष बाजरा मेनू पेश किए हैं. और यह आजीविका में सुधार कर रहा है.”
प्रधानमंत्री ने आगे बताया, “बाजरा एक सुपरफूड है. मैंने संयुक्त राष्ट्र के साथ 2023 को बाजरा वर्ष के रूप में मनाया. बाजरा के बहुत फायदे हैं. यह बंजर भूमि में उगता है. इसे न्यूनतम पानी की आवश्यकता होती है और किसी भी उर्वरक की आवश्यकता नहीं होती है.”
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