नई दिल्ली, 28 मार्च . एनडीटीवी युवा कॉन्क्लेव कार्यक्रम में कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा कि देश में युवाओं को हर क्षेत्र के साथ-साथ सियासत में भी आगे आना चाहिए. “मैंने कोशिश की है कि हर जगह युवाओं को मौका मिले”. उन्होंने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने का कारण भी बताया.
सचिन पायलट ने कहा कि उन्हें 26 साल की छोटी उम्र में संसद पहुंचने का मौका मिला. सांसद बनने के बाद “जब मैंने अपने क्षेत्र, प्रदेश और पार्टी के लिए काम करना शुरू किया. मैंने हर जगह कोशिश की कि मैं अपने अनुभव लोगों के साथ शेयर करूं. कहां मुझे सफलता मिली और कहां मैं असफल रहा. अगर कोई युवा लड़का या लड़की राजनीति में आना चाहता है तो उसको प्रोत्साहन देना मेरी जिम्मेदारी है, क्योंकि अगर मुझे कम आयु में राजनीति में आने का मौका मिला है और मैं उनका रास्ता रोकूंगा, तो मैं उनके साथ न्याय नहीं कर रहा हूं. खासकर राजनीति में जो जिस पद पर पहुंच जाता है, वह कुर्सी पर चिपककर बैठ जाता है और किसी को आगे नहीं आने देता है. इसको मैं पॉलिटिक्स की एक कमी बताऊंगा. युवाओं को राजनीति में आने का मौका देना चाहिए”.
सचिन पायलट ने कार्यक्रम में यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी की तरफ से मैदान में बैटिंग करके जितने रन वह बनाते हैं, शायद उतने रन और भी लोग नहीं बना पाते होंगे. लेकिन मैदान में उतरकर किस व्यक्ति को क्या जिम्मेदारी निभानी है यह समझना जरूरी है. आज मुझे कांग्रेस ने एक राज्य को संभालने के लिए महासचिव के रूप में वह जिम्मेदारी दी है.
अमेठी और रायबरेली से लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का उम्मीदवार कौन होगा? इस पर सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस ने राहुल गांधी को एक बार फिर से केरल के वायनाड से उम्मीदवार बनाया है. जहां से वह अभी सांसद हैं. बाकी शेष सीटें चाहे यूपी या अन्य राज्य की है उसके जिस-जिस चरण में चुनाव हो रहे है. वैसे-वैसे पार्टी उम्मीदवारों की घोषणा कर रही है. उन्होंने कहा कि 2024 का चुनाव रोचक होने जा रहा है. जैसा साल 2004 के लोकसभा चुनाव में हुआ था, एनडीए ने सोचा था कि पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी का ‘साइनिंग इंडिया’ का नारा चलेगा और दोबारा उनकी सरकार बनेगी, लेकिन उसका ठीक उल्टा हुआ था; साल 2024 में वही होगा और इंडिया गठबंधन कामयाब होगी.
मंडी लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार अभिनेत्री कंगना रनौत पर कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत की कथित पोस्ट पर सचिन पायलट ने कहा, “राजनीति में किसी को भी किसी के खिलाफ अपमानजनक और असंसदीय टिप्पणी नहीं करनी चाहिए.”
उन्होंने कहा, “अगर कोई कुछ गलत बोलता है, तो हम उसका बचाव कभी नहीं करेंगे. भाषा असंसदीय नहीं होनी चाहिए. किसी का चरित्र हनन अच्छा नहीं है. राजनीति हमेशा मुद्दों पर आधारित होनी चाहिए.”
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एसके/एकेजे