फिलीपींस के उत्तेजक व्यवहार के पीछे क्या उद्देश्य है?

बीजिंग, 28 मार्च . दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की हालिया उत्तेजक कार्रवाइयों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर के मुद्दे को भड़काने के लिए विषय बनाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. उसने रनआईच्याओ के निकट समुद्र जल क्षेत्र में अक्सर उकसावे वाली कार्रवाइयां की हैं.

फिलीपींस ने निर्माण सामग्री और आपूर्ति के परिवहन के लिए चीन की प्रादेशिक भूमि के जल क्षेत्र में जहाज़ भेजे और यहां तक ​​कि चीनी तट रक्षक जहाजों को भी टक्कर मारी. फिलीपींस ने चीन के निर्जन द्वीपों पर स्थायी चौकियां बनाने का भी प्रयास किया. इन उत्तेजक व्यवहारों का उद्देश्य विषय बनाकर चीन की छवि को नुकसान पहुंचाना है और अमेरिका को क्षेत्रीय मामलों में हस्तक्षेप करने का बहाना प्रदान करना है. दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की हालिया उत्तेजक कार्रवाइयों ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है.

फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर के मुद्दे को भड़काने के लिए विषय बनाकर लोगों का ध्यान अपनी ओर खींचा. उसने रनआईच्याओ के निकट समुद्र जल क्षेत्र में अक्सर उकसावे वाली कार्रवाइयां की हैं. फिलीपींस ने निर्माण सामग्री और आपूर्ति के परिवहन के लिए चीन की प्रादेशिक भूमि के जल क्षेत्र में जहाज़ भेजे और यहां तक ​​कि चीनी तट रक्षक जहाजों को भी टक्कर मारी. फिलीपींस ने चीन के निर्जन द्वीपों पर स्थायी चौकियां बनाने का भी प्रयास किया. इन उत्तेजक व्यवहारों का उद्देश्य विषय बनाकर चीन की छवि को नुकसान पहुंचाना है और अमेरिका को क्षेत्रीय मामलों में हस्तक्षेप करने का बहाना प्रदान करना है.

फिलीपींस के उकसावे वाले व्यवहार के पीछे तीन मकसद हैं. पहला, उन्होंने चीन की अंतरराष्ट्रीय छवि को बदनाम करने और दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस के अवैध दावों के लिए समर्थन प्रदान करने की कोशिश की. उसने कई नाटकीय दृश्य बनाए. अमेरिकी पत्रकारों ने भी इसमें भाग लिया और टकराव के वीडियो को ऑनलाइन फैलाया. फिलीपीनी तट रक्षक ने भी लोगों को भ्रमित करने और अंतर्राष्ट्रीय जनमत को गुमराह करने के प्रयास में सोशल प्लेटफॉर्म पर लेख और वीडियो पोस्ट किए.

दूसरा, फिलीपींस दक्षिण चीन सागर मुद्दे को भड़काने और अमेरिका को क्षेत्रीय मामलों में हस्तक्षेप करने का बहाना प्रदान करने की कोशिश कर रहा है. फिलीपींस ने हमेशा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की उपस्थिति का समर्थन किया है, और दक्षिण चीन सागर मुद्दा उसके लिए एक महत्वपूर्ण सौदेबाज़ी का मुद्दा बन गया है. फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में अपने संघर्षपूर्ण व्यवहार को बढ़ा दिया है और अमेरिका के साथ निकटता से सहयोग किया है. अमेरिकी विदेश मंत्री ब्लिंकन के फिलीपींस दौरे के बाद फिलीपींस का उत्तेजक व्यवहार और बढ़ गया. साथ ही, अमेरिका ने अपने प्रवक्ता के माध्यम से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश किया और संप्रभुता की रक्षा के लिए चीन के वैध कार्यों की आलोचना की. फिलीपींस और अमेरिका चीन को नियंत्रित करने के लिए अन्य ताकतों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे हैं. इसके अलावा, अमेरिका, जापान और फिलीपींस वाशिंगटन में एक शिखर सम्मेलन आयोजित करने वाले हैं, और दक्षिण चीन सागर मुद्दा फोकस में से एक बनने की उम्मीद है. दक्षिण चीन सागर में फिलीपींस की लगातार कार्रवाइयों का एक उद्देश्य दक्षिण चीन सागर के मुद्दों को शिखर सम्मेलन का प्रमुख मुद्दा बनाने के लिए अधिक सामग्री प्रदान करना है.

फिलीपींस दक्षिण चीन सागर पर चीन के दावों को अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता के समक्ष प्रस्तुत करने का भी दावा करता है. हालांकि, चीन की संप्रभुता और समुद्री अधिकारों और हितों का पर्याप्त ऐतिहासिक और कानूनी आधार है, और फिलीपींस का दावा निराधार है. फिलीपींस द्वारा प्रचारित दक्षिण चीन सागर मध्यस्थता मामला पूरी तरह से एक दिखावा था. फिलीपींस के तथाकथित मध्यस्थता प्रस्ताव का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है.

फिलीपींस के उत्तेजक व्यवहार के पीछे अमेरिका का समर्थन और हेरफेर है. फिलीपींस में अमेरिकी राजदूत ने दावा किया कि अमेरिका-फिलीपींस पारस्परिक रक्षा संधि संघर्षों को रोकने में बहुत महत्वपूर्ण है. हालांकि, फिलीपींस ने दक्षिण चीन सागर में परेशानी पैदा करके क्षेत्रीय शांति और स्थिरता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को धोखा दिया है. इस तथ्य को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता कि अमेरिका-फिलीपींस गठबंधन ने क्षेत्र में स्थिरता के बजाय अशांति ला दी है.

(साभार : चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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