पूरे साल की मेहनत का नतीजा था खिताब : मंधाना

नई दिल्ली, 19 मार्च . आरसीबी की महिला टीम ने फैंस का 16 साल का इंतजार खत्म किया और डब्ल्यूपीएल 2024 ट्रॉफी अपने नाम की. टीम की खिताबी जीत के बाद कप्तान स्मृति मंधाना ने सपने को हकीकत में बदलने के लिए की गई कड़ी तैयारियों का खुलासा किया.

ड्रेसिंग रूम से लेकर ऑफ-सीजन में भारतीय घरेलू खिलाड़ियों के साथ कैम्प में समय बिताने तक, आरसीबी की टीम ने ट्रॉफी जीतने के सपने को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी, जो आखिरकार रविवार को डब्ल्यूपीएल फाइनल मुकाबले में दिल्ली को हराकर पूरा हुआ.

यह आरसीबी के लिए एक यादगार रात थी. खिलाड़ियों ने फाइनल मैच में शानदार प्रदर्शन किया. खासतौर पर आरसीबी के गेंदबाजों ने खराब शुरुआत के बावजूद दमदार वापसी की और दिल्ली कैपिटल्स को 113 के मामूली स्कोर तक सीमित कर दिया.

फिर, टीम ने बल्ले से भी अच्छा प्रदर्शन किया और केवल दो विकेट खोकर लक्ष्य हासिल कर लिया.

फेयर प्ले पुरस्कार जीतने के अलावा, आरसीबी ने डब्ल्यूपीएल में पहली बार ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए व्यक्तिगत पुरस्कार भी जीते. जिसमें सर्वाधिक रनों के लिए ऑरेंज कैप 347 (एलिस पैरी), जबकि श्रेयंका पाटिल ने सर्वाधिक 13 विकेटों के लिए पर्पल कैप और टूर्नामेंट की उभरती खिलाड़ी का ताज पहना.

आरसीबी के ट्रॉफी जीतने के बाद कप्तान स्मृति ने कहा कि मैदान के अंदर और बाहर एक साल की योजना और रणनीति ने टीम को यहां तक पहुंचाया. पहली बात, वे कहते थे, यह आपकी टीम है और आप इसे जिस तरह से बनाना चाहते हैं उसे बनाएं. यह मेरे लिए सबसे बड़ी बात थी.

स्मृति ने कहा, “दूसरी बात यह थी कि हम वास्तव में खुश हैं और पॉजिटिव चीजों के मामले में एक अच्छी संस्कृति स्थापित करना चाहते हैं. इसलिए योजना के मामले में यह एक बड़ी बात थी कि हम टीम का माहौल कैसा चाहते हैं.

“फिर योजना का दूसरा हिस्सा, जहां हमने नाम तय करना शुरू किया, खिलाड़ियों पर नज़र रखना शुरू किया, जैसे कि सोफी पिछले साल चोटिल हो गई थी. इसलिए, हमें उसे ट्रैक करना था, क्या वह ठीक कर रही है. कोच ल्यूक विलियम्स के ऑस्ट्रेलिया से होने के कारण वास्तव में मदद मिली.”

पिछले वर्ष आरसीबी द्वारा आयोजित कई प्रशिक्षण शिविरों के महत्व के बारे में बात करते हुए, आरसीबी की कप्तान ने कहा, “आरसीबी ने एक बहुत अच्छी बात की थी कि उन्होंने पिछले साल कई शिविर आयोजित किए थे. प्रशिक्षण शिविर, फिटनेस शिविर, बल्लेबाजी और गेंदबाजी-विशिष्ट शिविर, वह भी हमारी योजना का हिस्सा था. हमारी योजना घरेलू क्रिकेटरों को एक मंच देना था ताकि वे इस स्तर के लिए पूरी तरह से तैयार हो सकें.”

उन्होंने कहा, “पिछले एक साल में हमने एक साथ बहुत सारी वीडियो कॉल की. हमारे पास अपनी भारतीय घरेलू लड़कियों का एक समूह था और जब भी उन्हें किसी चीज़ की ज़रूरत होती तो हम सभी हमेशा मौजूद रहते थे.

“इसलिए यदि आप पूरे साल मेहनत कर रहे हैं, तो सीजन आने पर आपका काम आसान हो जाता है. एक बार सीजन शुरू होने के बाद, उस तरह का काम करना थोड़ा कठिन हो जाता है. इसलिए आरसीबी ने उन पर एक साल तक काम किया, और इसका वास्तव में फायदा मिला.”

एएमजे/आरआर