काठमांडू, 18 मार्च . नेपाल के उपप्रधानमंत्री नारायण काजी श्रेष्ठ ने कहा है कि मॉस्को ने रूसी सेना में शामिल हुए नेपाली नागरिकों के साथ अनुबंध रद्द करने पर सहमति व्यक्त की है और उन्हें देश में वापस लाने के प्रयास जारी हैं.
यह बयान पिछले हफ्ते रूसी सेना में सेवारत सात और नेपाली नागरिकों की कथित तौर पर मौत के कुछ ही दिनों बाद आया है, जिससे हताहतों की कुल संख्या 19 हो गई है.
माइ रिपब्लिका अखबार की सोमवार की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिनिधि सभा की बैठक में उठाए गए सवालों का जवाब देते हुए श्रेष्ठ ने कहा कि रूस ने नेपाली नागरिकों के साथ अनुबंध रद्द करने के लिए अपनी “सैद्धांतिक सहमति” दे दी है.
श्रेष्ठ नेपाल के विदेश मंत्री भी हैं, उन्होंने कहा, “रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि वह सेना में शामिल होने वालों को उनके अनुबंध रद्द करने में मदद के लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गया है. हालांकि, इसकी रूपरेखा अभी तय नहीं की गई है.”
उन्होंने कहा, “मास्को में नेपाली दूतावास लगातार इस पर नजर रख रहा है. यूक्रेन में बंधक बनाए गए लोगों की तस्वीरें जारी की गई हैं. उन्हें वापस नेपाल लाने के प्रयास किए जा रहे हैं.”
हिमालयी राष्ट्र के सैकड़ों युवा अवैध चैनलों के जरिए रूसी सेना में शामिल हो गए हैं, जिनमें से कई लोगों की जान चली गई और कई अन्य के लापता होने या संपर्क से बाहर होने की सूचना मिली है.
इस महीने की शुरुआत में श्रेष्ठ ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी बात की थी, यहां तक कि उन्होंने रूस से रूसी सेना में सेवारत नेपाली नागरिकों की एक सूची साझा करने के लिए भी कहा था.
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, श्रेष्ठ ने यह समझने के लिए मॉस्को जाने की इच्छा जताई है कि कैसे नेपाली नागरिकों को रूसी सेना में शामिल होने के लिए धोखा दिया गया था.
नेपाल ने बार-बार रूस से अपने नागरिकों को रूसी सेना में शामिल करने से परहेज करने का अनुरोध किया है और उन लोगों को वापस लाने में सहायता मांगी है, जो यूक्रेन के साथ युद्ध लड़ने के लिए पहले ही देश की सेना में शामिल हो चुके हैं.
नेपाल में पुलिस ने पिछले साल कई ट्रैवल एजेंटों पर कार्रवाई की और मानव तस्करी व जालसाजी के आरोप में 18 लोगों को गिरफ्तार किया.
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