नई दिल्ली, 17 मार्च . भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) ने रविवार को चुनावी बॉन्ड पर राजनीतिक दलों से प्राप्त आँकड़े जारी किये, जो उसने सीलबंद कवर में सुप्रीम कोर्ट को दिया था.
ईसीआई ने एक बयान में कहा: “राजनीतिक दलों ने 2017 की रिट याचिका नंबर 880 में उच्चतम न्यायालय के 12 अप्रैल 2019 के अंतरिम आदेश के अनुरूप एक सीलबंद लिफाफे में चुनावी बॉन्ड पर डेटा दाखिल किया था. राजनीतिक दलों से प्राप्त डाटा बिना लिफाफा खोले सर्वोच्च न्यायालय में जमा कर दिये गये. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में 15 मार्च 2024 को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने एक सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ भौतिक प्रतियाँ वापस कर दी हैं.
चुनाव आयोग ने कहा, “भारतीय चुनाव आयोग ने आज चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.”
वास्तव में, ईसीआई द्वारा जारी किए गए अंतिम दस्तावेज़ केवल बॉन्ड की तारीख, राशि, बॉन्ड जारी करने वाली एसबीआई की शाखा का नंबर, प्राप्ति की तारीख और भुनाने की तारीख से संबंधित कच्चे आँकड़े हैं. इनमें बॉन्ड की विशिष्ट संख्या का खुलासा नहीं किया गया है.
तृणमूल कांग्रेस ने एसबीआई को पत्र लिखकर बॉन्ड की विशिष्ट संख्या माँगी है ताकि पार्टी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन कर सके. भाजपा ने एसबीआई से ऐसा कोई अनुरोध नहीं किया है, हालाँकि, पार्टी ने भी कच्चा डेटा ही दिया है.
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने “चुनावी बॉन्ड के माध्यम से कोई भी दान” मिलने से इनकार किया है. माकपा ने भी चुनावी बॉन्ड के माध्यम से दान प्राप्त करने की बात कही है. हालाँकि, कांग्रेस ने कहा कि वह एसबीआई द्वारा चुनाव आयोग को दिया गया कच्चा डेटा जारी करेगी.
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एकेजे/