वर्ल्ड कप की चोट को लेकर हार्दिक ने तोड़ी चुप्पी

नई दिल्ली, 17 मार्च . वर्ल्ड कप 2023 के दौरान भारत के स्टार ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या को बांग्लादेश के खिलाफ मैच के दौरान टखने में चोट लग गई थी, जिसके बाद उन्हें पूरे टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा.

यह पुणे के महाराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) स्टेडियम में बांग्लादेश के खिलाफ मैच था, जब हार्दिक का टखना मुड़ गया और वह स्टेडियम से बाहर चले गए.

इसके बाद टूर्नामेंट में उनकी जगह तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को लिया गया.

हार्दिक ने स्टार स्पोर्ट्स को बताया, “मैं उस तरह का क्रिकेटर हूं जो 2-3 महीने पहले शुरू नहीं करता, मैंने इस विश्व कप के लिए अपनी यात्रा 1 साल पहले शुरू की थी, मैंने डेढ़ साल पहले ही अपनी दिनचर्या की योजना बना ली थी और उसके अनुसार काम किया.”

“यह एक अलग चोट थी, इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं कि मेरी चोट लंबी हो गई थी और मुझे अधिक समय लेना पड़ा क्योंकि जब मैं घायल हुआ था तो यह 25 दिनों की पुनर्वास चोट थी लेकिन मैं विश्व कप मिस कर रहा था. इसलिए, मैंने बहुत कोशिश की क्योंकि वापस मैदान पर आना था. मैंने टीम से कहा कि मैं 5 दिनों में वापस आऊंगा.”

“मैंने अपने टखनों पर तीन अलग-अलग जगहों पर इंजेक्शन लगवाए और मुझे अपने टखने से खून निकालना पड़ा क्योंकि उसमें बहुत सूजन थी. एक तरह से मैं हार नहीं मानना चाहता था. एक समय मुझे भी इस बात का एहसास था कि मैं खुद को ज्यादा जोखिम में डाल रहा हूं और लंबे समय तक चोटिल हो सकता हूं.”

“मेरे लिए यह कभी भी उत्तर नहीं था, मैं ऐसा कह रहा था कि यदि एक प्रतिशत मौका है, तो मैं टीम के साथ रह सकता हूं. मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करूंगा और जब मैं खुद को आगे बढ़ा रहा था, लेकिन मेरी चोट ज्यादा बढ़ गई और मुझे लंबा ब्रेक लेना पड़ा. मैं उस समय चल भी नहीं पा रहा था लेकिन मैं दौड़ने की कोशिश कर रहा था. जैसा कि मैंने 10 दिनों तक खुद को आगे बढ़ाने की कोशिश की और पेन किलर टेबलेट खाए. मेरे लिए सबसे बड़ा गर्व देश के लिए खेलना है और देश के लिए खेलने से बड़ा गौरव कुछ और नहीं हो सकता.”

हार्दिक अब आईपीएल 2024 में मुंबई इंडियंस के कप्तान के रूप में अपनी नई भूमिका के लिए तैयार हैं.

यह ऑलराउंडर रोहित शर्मा की जगह 5 बार की चैंपियन टीम का कप्तान बना है. 2022 में, हार्दिक ने फाइनल में राजस्थान रॉयल्स को हराकर गुजरात टाइटन्स को अपना पहला आईपीएल खिताब जीतने में मदद की. जबकि पिछले साल उनकी कप्तानी में गुजरात ने लगातार दूसरी बार फाइनल तक का सफर तय किया. हालांकि, इस बार उन्हें ट्रॉफी नहीं मिली.

एएमजे/आरआर