दो विचारधाराओं के बीच है लड़ाई : राहुल गांधी

मुंबई, 17 मार्च . कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को भाजपा पर तंज करते हुए कहा कि लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच है. एक विचारधारा मूलत: सत्ता के केंद्रीकरण में विश्वास करती है और दूसरी ‘शिव की बारात’ की तरह सभी को एक साथ लेकर चलती है.

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा और महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ रविवार को गैर सरकारी संगठनों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ संवाद करते हुए यह बात कही. उन्होंने उन पांच गारंटी (न्याय) पर चर्चा की, जिनकी घोषणा उन्होंने शनिवार को चैत्यभूमि में संपन्न भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान की थी.

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मुंबई और महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने दक्षिण मुंबई में अगस्त क्रांति मैदान से मणि भवन तक पदयात्रा की.

कांग्रेस नेता ने कहा,“भारत जोड़ो न्याय यात्रा की ताकत केवल मैं ही नहीं, बल्कि मेरे साथ चलने वाले करोड़ों भारतीय थे. यह लड़ाई राहुल गांधी और नरेंद्र मोदी या कांग्रेस और बीजेपी तक सीमित नहीं है. लड़ाई दो विचारों के बीच है. एक कहता है कि देश ऊपर से चलेगा और सभी आदेश का पालन करेंगे. दूसरा कहता है, देश को विकेंद्रीकृत तरीके से चलाओ. हम इसे ‘शिव की बारात’ कह सकते हैं.”

उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे डरें नहीं, खासकर जब लड़ाई दो विचारधाराओं के बीच हो. उन्होंने कहा, “कुछ लोग कहते हैं कि बीजेपी संविधान और सब कुछ बदल देगी. मैं आपको बता दूं कि उनमें संविधान बदलने की हिम्मत नहीं है. इस लड़ाई में सच्चाई और हिंदुस्तान हमारे साथ खड़ा है.”

उन्होंने कहा, “गरीबों, दलितों, महिलाओं के खिलाफ अन्याय, देश में बढ़ती नफरत का मूल कारण है, क्योंकि बमुश्किल दो से तीन प्रतिशत लोगों को ही न्याय मिल पाता है, जिनके लिए सरकार और सभी संस्थाएं काम करती हैं.”

राहुल गांधी ने कहा, “जब हम सरकार में थे और कृषि ऋण माफी का मुद्दा उठाया था, तो हमसे कहा गया था कि किसान आलसी हो जाएंगे. जब हम मनरेगा लेकर आये, तो हमसे कहा गया कि गरीब बर्बाद हो जायेंगे. उन्होंने सवाल किया कि दूसरी ओर जब 20-25 लोगों का 16 लाख करोड़ रुपये का बैंक ऋण माफ हो जाता है, तो क्या यह उन्हें बर्बाद नहीं करता है?”

कांग्रेस नेता ने कहा, ”यह समझना होगा कि न केवल मेरे खिलाफ, बल्कि मेरे भाई (अन्य) के खिलाफ भी अन्याय हो रहा है.” उन्होंने कहा कि आंदोलन तब शुरू होता है, जब हर कोई एक-दूसरे के हितों की रक्षा करना शुरू कर देता है.