तिरुवनंतपुरम, 16 मार्च . केरल का पलक्कड़ लोक सभा क्षेत्र कभी माकपा के गढ़ के रूप में जाना जाता था. हालाँकि, 2019 के लोकसभा चुनावों में चीजें बदल गईं. कांग्रेस उम्मीदवार वी.के. श्रीकंदन ने माकपा उम्मीदवार और राज्य के मौजूदा स्थानीय स्वशासन मंत्री एम.बी. राजेश को हराकर जीत हासिल की, जो निर्वाचन क्षेत्र से अपना तीसरा चुनाव लड़ रहे थे.
पलक्कड़ से कांग्रेस उम्मीदवार की जीत ने कई लोगों को आश्चर्यचकित कर दिया. आखिरी बार कांग्रेस ने इस निर्वाचन क्षेत्र से 1991 में जीत हासिल की थी. भाजपा के सी. कृष्णकुमार तीसरे स्थान पर रहे जिन्हें 2.18 लाख से अधिक वोट मिले.
श्रीकंदन ने 2019 के आम चुनाव में राजेश को 11 हजार से अधिक वोटों से हराया. राजेश ने 2014 के आम चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री एम. पी. वीरेंद्रकुमार को हराकर एक लाख से अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी.
इस बार यह निर्वाचन क्षेत्र अनुभवी माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य ए. विजयराघवन की वापसी का भी गवाह बनेगा, जो 1989 में पलक्कड़ से जीते थे, लेकिन 1991 के चुनाव में हार गए थे.
विजयराघवन की वापसी से वामपंथी कार्यकर्ताओं में भी उत्साह है. इसी निर्वाचन क्षेत्र से माकपा के ए.के. गोपालन और ई.के. नयनार जैसे दिग्गज नेताओं ने पांच दशक से भी अधिक समय पहले जीत हासिल की थी.
कांग्रेस श्रीकंदन के प्रदर्शन और पिनाराई विजयन सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर पर भरोसा कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी रविवार को पलक्कड़ निर्वाचन क्षेत्र में प्रचार करेंगे, जिससे भाजपा उम्मीदवार कृष्णकुमार को जन समर्थन बढ़ने की उम्मीद है.
जैसे-जैसे अभियान जोर पकड़ रहा है, पलक्कड़ वी.के. श्रीकंदन (कांग्रेस के मौजूदा सांसद); ए. विजयराघवन (माकपा); और सी. कृष्णकुमार (भाजपा) के बीच त्रिकोणीय मुकाबले के लिए पूरी तरह तैयार है.
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एकेजे/