नई दिल्ली, 15 मार्च . भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने शुक्रवार को अल्फाबेट की इकाई गूगल की जाँच का आदेश दिया. टेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी पर देश के ऑनलाइन बाजार में अपनी प्रमुख स्थिति का फायदा उठाने का आरोप है.
टेकक्रंच की रिपोर्ट के अनुसार, सीसीआई ने आदेश में कहा कि गूगल ने कथित तौर पर अपने ऐप स्टोर में अनुचित शर्तें और भेदभावपूर्ण प्रथाएँ लागू कीं, जिससे देश के एंटीट्रस्ट कानून के कई प्रावधानों का उल्लंघन हुआ.
कई भारतीय ऐप डेवलपर्स और उद्योग समूहों ने गूगल के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और अतीत में उसकी अनुचित प्रथाओं के बारे में चिंता जताई थी.
सीसीआई की जाँच शाखा को जाँच पूरी करने के लिए 60 दिन का समय दिया गया है.
गूगल ने पिछले महीने अपनी बिलिंग नीतियों का अनुपालन नहीं करने की बात कहते हुए 10 भारतीय डेवलपर्स के 100 से अधिक ऐप्स हटा दिए थे. ऐप्स को बाद में बहाल कर दिया गया, लेकिन डेवलपर्स को अब प्ले स्टोर बिलिंग नीतियों का पालन करना होगा.
आयोग ने गूगल पर अपनी नीतियों को भेदभावपूर्ण तरीके से लागू करने का आरोप लगाया है. इसमें आरोप लगाया गया है कि गूगल डिजिटल सामान और सेवाएं प्रदान करने वाले ऐप्स और भौतिक सामान और सेवाएं प्रदान करने वाले ऐप्स के बीच मनमाना अंतर कर रहा है, भले ही वे प्ले स्टोर पर समान सुविधाएँ प्रदान करते हों.
स्टार्टअप संस्थापकों ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि वे इन-ऐप भुगतान पर 11 से 26 प्रतिशत शुल्क लगाने वाली नीति का विरोध करना जारी रखेंगे.
ट्रूलीमैडली के सह-संस्थापक और सीईओ स्नेहिल खानोर ने कहा, “ऐप के राजस्व का 26 प्रतिशत तक चार्ज करना, ऐप डेवलपर्स के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय बोझ है.”
एडीआईएफ (एलायंस ऑफ डिजिटल इंडिया फाउंडेशन) सम्मेलन के दौरान संस्थापकों ने संवाददाताओं से कहा कि उनके ऐप्स डीलिस्ट होने के दूसरे दिन उनके कारोबार में लगभग 40 प्रतिशत की गिरावट आई है.
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एकेजे/