तिरुवनंतपुरम, 15 मार्च . आगामी लोकसभा चुनाव के लिए उत्तरी केरल का कन्नूर लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र सीपीआई-एम और कांग्रेस के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बनता जा रहा है. केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन कांग्रेस से ये सीट छीनना चाहते हैं, जो उनका गृह नगर भी है. ऐसे में कन्नूर सीट पर दिलचस्प सियासी मुकाबला देखने को मिल सकता है.
कन्नूर लोकसभा सीट से सीपीआई (एम) के कई दिग्गज नेता भी आते हैं. दूसरा कारण यह है कि सीपीआई (एम) नहीं चाहती कि यह सीट प्रतिद्वंद्वी और मौजूदा सदस्य के. सुधाकरन के पास रहे, जो राज्य कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष भी हैं.
75 वर्षीय सुधारकरण इस बार स्वास्थ्य कारणों से चुनाव लड़ने को तैयार नहीं थे, लेकिन पार्टी ने उनसे अपनी सीट का बचाव करने को कहा. उन्हें रोकने के लिए सीपीआई (एम) अपने दिग्गज जयराजन को मैदान में उतारने का मन बना चुकी है.
जयराजन को सीएम विजयन का करीबी माना जाता है और उन्हें सीएम विजयन ने ही चुना था. हालांकि, सीएम विजयन और सुधाकरन के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंदता कई दशकों पुरानी है.
2009 के लोकसभा चुनाव में सुधाकरण को विधायक रहते हुए लोक सभा चुनाव लड़ने के लिए कहा गया था, जो उन्होंने 40 हजार वोटों के मार्जिन से जीता, लेकिन वह 2014 के लोकसभा चुनाव सीपीआई (एम) के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री पी.के. श्रीमती से मामूली अंतर से हार गए.
2019 में सुधाकरन ने 90,000 वोटों के अंतर से श्रीमती से सीट छीन ली.
इस निर्वाचन क्षेत्र में भाजपा हमेशा तीसरे स्थान पर रही है और 2019 के चुनावों में उनके उम्मीदवार को केवल 68,509 वोट मिले.
इस बार बीजेपी को उम्मीद है कि वो अपना वोट बढ़ाने में कामयाब रहेगी. उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेता सी. रघुनाथ को मैदान में उतारा है, जो हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए हैं.
सीपीआई (एम) को उम्मीद है कि सात में से पांच विधानसभा सीट उसके पास होने के कारण वे सुधाकरन को जीतने से रोक सकेंगे. दूसरी ओर, कांग्रेस इस प्रतिष्ठित सीट को बरकरार रखने को लेकर आश्वस्त है.
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एसएचके/