भोपाल, 14 मार्च . मध्य प्रदेश के दो ऐसे इलाकों को विश्वविद्यालयों की सौगात मिली है, जहां के छात्रों के लिए विश्वविद्यालय अपने शहरों से दूर था.
मुख्यमंत्री डाॅ. मोहन यादव ने खरगौन में क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय का शुभारंभ किया. इस अवसर पर उन्होंने गुना में तात्या टोपे विश्वविद्यालय को डिजिटली लाॅन्च किया.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि निमाड़ अंचल के विद्यार्थियों को अब इंदौर और उज्जैन विश्वविद्यालयों में अध्ययन के लिए नहीं जाना होगा. क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय में अन्य विषयों के साथ ही आने वाले समय में कृषि विज्ञान की शिक्षा भी दी जाएगी. विश्वविद्यालय परिसर तक आने-जाने के लिए बस की व्यवस्था भी की जाएगी. इसके अलावा मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 557 करोड़ रुपए लागत की सिंचाई योजनाओं का उद्घाटन भी किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि निमाड़ की धरती वीरों की धरती है. यहां बाजीराव पेशवा ने प्राण त्यागे थे. वर्ष 1857 के प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में वीर टंट्या भील ने अंग्रेजों से लोहा लिया था. उनके प्रति मध्य प्रदेश सरकार ने आदर व्यक्त करते हुए खरगौन के नए विश्वविद्यालय का नाम क्रांतिसूर्य टंट्या भील विश्वविद्यालय रखा है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विभिन्न क्षेत्रों में विकास हो रहा है. खरगौन और गुना के नए विश्वविद्यालयों में सभी विषयों की शिक्षा की व्यवस्था रहेगी. पाठ्यक्रमों में कृषि विज्ञान भी भविष्य में जोड़ा जाएगा. ये विश्वविद्यालय और इनसे जुड़े महाविद्यालय आने वाले समय में सिर्फ डिग्री नहीं देंगे, बल्कि सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और प्राचीन सभ्यता के अध्ययन का माध्यम भी बनेंगे.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने खरगौन में 557 करोड़ रुपए की सिंचाई परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इन परियोजनाओं से 114 गावों में 74,110 एकड़ भूमि में अतिरिक्त सिंचाई क्षमता विकसित होगी.
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एसएनपी/एफजेड