अहमदाबाद, 13 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि सेमीकंडक्टर सिर्फ एक उद्योग नहीं है, बल्कि उन युवाओं के लिए असीम संभावनाओं का द्वार खोलता है जो सक्षम हैं और अवसर की जरूरत महसूस करते हैं.
प्रधानमंत्री ने 1.25 लाख करोड़ रुपये की तीन चिप विनिर्माण इकाइयों की आधारशिला रखने के बाद ‘इंडियाज टेकेड: चिप्स फॉर विकसित भारत’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सेमीकंडक्टर पहल देश के लिए वह अवसर लेकर आई है.
उन्होंने कहा कि आज दुनिया भर की सेमीकंडक्टर चिप की डिजाइन के पीछे का दिमाग “अधिकांश भारत के युवा का ही है”. इसलिए आज जब भारत सेमीकंडक्टर मेनुफैक्चरिंग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है तो एक प्रकार से टैलेंट इकोसिस्टम का यह साइकिल पूरा हो रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज के युवा जानते हैं कि कैसे देश में उनके लिए नए अवसर बन रहे हैं. अंतरिक्ष का सेक्टर हो या मैपिंग का, भारत ने अपने युवाओं के लिए इन सेक्टर्स को पूरी तरह खोल दिया है.
प्रधानमंत्री ने भारत को दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बनने के लिए सरकार के अभूतपूर्व प्रोत्साहन का जिक्र करते हुए कहा कि आज के इस आयोजन के बाद “सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी हमारे स्टार्टअप्स के लिए नए मौके बनने जा रहे हैं”. उन्होंने विश्वास जताया कि आज की परियोजनाएँ उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवाओं के लिए कई नौकरियां प्रदान करेंगी.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने गुजरात के धोलेरा विशेष निवेश क्षेत्र (डीएसआईआर) में सेमीकंडक्टर निर्माण संयंत्र; असम के मोरीगांव में आउटसोर्स सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी) संयंत्र; और गुजरात के साणंद में ही एक और ओएसएटी संयंत्र की आधारशिला रखी.
पीएम ने कहा कि आज की परियोजनाएं भारत को सेमीकंडक्टर हब बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि 60 हजार से अधिक कॉलेज, विश्वविद्यालय और शैक्षणिक संस्थान इस अनूठे आयोजन से जुड़े थे.
उन्होंने ने रेखांकित किया कि आज दुनिया में केवल कुछ मुट्ठी भर देश ही सेमीकंडक्टर का निर्माण कर रहे हैं और कोविड-19 महामारी के कारण हुए व्यवधानों के बाद एक विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला की आवश्यकता पर जोर दिया.
पीएम ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत सेमीकंडक्टर क्षेत्र के उत्पादों के निर्माण में एक वैश्विक शक्ति बन जाएगा.
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एकेजे/