नई दिल्ली, 11 मार्च . एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एएमएफआई) ने कहा है कि टेक्नोलॉजी तक पहुंच बढ़ने से अधिक महिलाएं म्यूचुअल फंड में निवेश कर रही हैं.
म्यूचुअल फंड की असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) में महिलाओं की हिस्सेदारी 2017 में 15.2 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 20.9 प्रतिशत हो गई है.
एएमएफआई ने कहा, ये गति शहरों की तुलना में अंदरुनी इलाकों में अधिक है, बी-30 शहरों में महिलाओं के फोलियो और संपत्ति की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत और 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है.
महिला निवेशकों के आयु विश्लेषण से पता चलता है कि लगभग 50 प्रतिशत महिला निवेशक 25-44 वर्ष आयु वर्ग में आती हैं, जबकि व्यक्तिगत निवेशकों के कुल समूह में यह लगभग 45 प्रतिशत है.
गोवा में म्यूचुअल फंड में महिलाओं की हिस्सेदारी सबसे अधिक 40 प्रतिशत है. इसके बाद पूर्वोत्तर राज्य 30 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर हैं. एएमएफआई के आंकड़ों के अनुसार, चंडीगढ़, महाराष्ट्र और नई दिल्ली में भी महिलाओं की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत से अधिक है.
अधिकांश महिलाएं म्यूचुअल फंड में एसआईपी से निवेश कर रही हैं और म्यूचुअल फंड वितरक के माध्यम से निवेश करने पर लंबे समय तक निवेशित रहती हैं.
महिला म्यूचुअल फंड वितरकों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है. दिसंबर 2023 तक 42,000 पंजीकरण के आंकड़े के करीब, एयूएम में 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का प्रबंधन किया गया है.
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