अगरतला, 7 मार्च . त्रिपुरा के नवनियुक्त मंत्री और टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) के वरिष्ठ नेता अनिमेष देबबर्मा ने गुरुवार को कहा कि उनकी पार्टी संविधान के अनुच्छेद 2 व 3 के तहत ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ (आदिवासियों के लिए एक अलग राज्य) की अपनी मांग जारी रखेगी.
अनिमेष देबबर्मा और एक अन्य टीएमपी विधायक बृषकेतु देबबर्मा को गुरुवार को मुख्यमंत्री माणिक साहा के नेतृत्व वाली भाजपा नीत गठबंधन सरकार में शामिल किया गया.
भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद अनिमेष देबबर्मा ने कहा कि टीएमपी आदिवासियों के सर्वांगीण विकास के लिए अपने मुख्य मुद्दों को नहीं भूल सकती, जो त्रिपुरा की 40 लाख आबादी का एक तिहाई हिस्सा हैं.
उन्होंने मीडिया से कहा, ”पहले हम विपक्ष में थे. अब मंत्रिमंडल में शामिल होने के बाद हमारे पास अपने मुद्दों को आगे बढ़ाने का अधिकार और शक्ति है. हम ‘ग्रेटर टिपरालैंड’ की मांग तब तक करते रहेंगे, जब तक यह हासिल नहीं हो जाता.”
पिछले साल फरवरी में हुए विधानसभा चुनावों में अपनी पहली चुनावी लड़ाई में टीएमपी ने 42 उम्मीदवार उतारे थे, जिनमें 20 आदिवासी आरक्षित सीटों पर थे. आदिवासी पार्टी, जो अप्रैल 2021 से राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण त्रिपुरा जनजातीय क्षेत्र स्वायत्त जिला परिषद (टीटीएएडीसी) की प्रभारी है, ने 60 सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में 19.69 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 13 सीटें जीतीं.
15 साल पहले राजनीति में आने से पहले एक केंद्रीय पीएसयू में काम करने वाले कंप्यूटर साइंस इंजीनियर अनिमेष देबबर्मा ने कहा कि राज्य में आदिवासियों के सामने आने वाले राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक मुद्दों के लिए संवैधानिक समाधान की जरूरत है.
गुरुवार को शपथ लेने से पहले अनिमेष देबबर्मा ने राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने कहा, “विपक्षी नेता के रूप में मैंने एक तरह की जिम्मेदारी पूरी की, अब कैबिनेट सदस्य के रूप में मुझे सौंपे गए कर्तव्यों को मैं पूरी ईमानदारी से निभाने का प्रयास करूंगा.”
टीएमपी सुप्रीमो और पूर्व शाही वंशज प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देब बर्मन, जो राजभवन में शपथ ग्रहण समारोह में पार्टी के अन्य नेताओं के साथ मौजूद थे, ने कहा कि उन्होंने भाजपा में शामिल होने वाले अपनी पार्टी के विधायकों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि वे भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल होने के बाद आईपीएफटी द्वारा की गई गलती दोबारा न करें.
देब बर्मन ने मीडिया से कहा, “आईपीएफटी कैबिनेट में शामिल हो गई और फिर अपनी मांगों पर चुप हो गई.”
इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीटीएफ), एक आदिवासी-आधारित पार्टी, भाजपा की सहयोगी है और इसके एकमात्र विधायक सुक्ला चरण नोआतिया अब कैबिनेट मंत्री हैं.
त्रिपुरा में पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल में आईपीएफटी के दो मंत्री थे, जो 2009 से टीटीएएडीसी को आदिवासियों के लिए एक राज्य के रूप में अपग्रेड करने की मांग कर रहे हैं.
सत्तारूढ़ भाजपा, सीपीआई-एम और कांग्रेस आईपीएफटी और टीएमपी दोनों की मांगों का विरोध कर रहे हैं.
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एसजीके/