पीएम मोदी के बयान से लपेटे में आ गईं ‘वंशवादी पार्टियां’ कांग्रेस, सपा और राजद

नई दिल्ली, 4 मार्च . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर जब राजद सुप्रीमो लालू यादव ने ‘परिवार’ को लेकर निशाना साधा तो पीएम के विरोधियों ने इसकी कल्पना भी नहीं की होगी कि वह किस तरह खुद सियासत में परिवारवाद को लेकर लपेटे में आ जाएंगे.

पीएम मोदी ने अपने ऊपर हुए हमले को लालू यादव की सत्ता में परिवारवाद की तरफ बखूबी मोड़ दिया. लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने देश को ना केवल अपने साथ जोड़ा बल्कि यह संदेश दे दिया कि लालू यादव, मुलायम सिंह यादव और सोनिया गांधी जैसे नेता किस तरह परिवारवाद की सियासत करके सत्ता की मलाई खाते रहे.

लालू यादव ने पीएम मोदी के परिवार को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तेलंगाना में भ्रष्टाचार, परिवारवाद और तुष्टिकरण के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. उन्होंने यहां बता दिया कि देश की 140 करोड़ आबादी ही उनका परिवार है. उन्होंने कहा कि देश की करोड़ों बेटियां-माताएं-बहनें यही मोदी का परिवार है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि देश का हर गरीब मेरा परिवार है. जिसका कोई नहीं है, वो भी मोदी के हैं और मोदी उनका है.

वैसे पीएम मोदी ने लालू यादव, मुलायम सिंह यादव और सोनिया गांधी की वंशवादी राजनीति को लेकर करारा प्रहार किया. पीएम ने जो कहा उसका सीधा मतलब था कि जिस तरह से लालू यादव के भ्रष्टाचार के मामले में फंसने के बाद पत्नी राबड़ी देवी को बिहार का सीएम बना दिया गया, उसके बाद लालू यादव के दोनों पुत्र तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव सक्रिय राजनीति में आ गए और पार्टी चलाने लगे. इसके साथ ही तेजस्वी को बिहार का सीएम बनाने की लालू यादव की अति महत्वाकांक्षा के कारण ही नीतीश कुमार को पाला बदलने पर मजबूर होना पड़ा और वह फिर से एनडीए के खेमे में आ गए.

मुलायम सिंह ने समाजवादी पार्टी की कमान अखिलेश यादव के हाथ में दे दी. कांग्रेस में भी सोनिया गांधी के साथ ही राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा का कद कैसा है यह किसी से छुपा नहीं है.

पीएम मोदी ने इसके पहले संसद में भी परिवारवाद को लेकर कांग्रेस पार्टी को जमकर घेरा था और उनके और अपनी पार्टी भाजपा के बीच का अंतर बताया था. उन्होंने कहा था कि किसी परिवार में एक से अधिक व्यक्ति अपने बल पर और जनता के सहयोग से राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति करते हैं, उसे हम वंशवाद की राजनीति नहीं कहते हैं. हमारे लिए परिवारवाद की राजनीति का मतलब है कि एक पार्टी एक परिवार के द्वारा चलाई जाए, पार्टी एक परिवार के सदस्यों को प्राथमिकता दे और परिवार के सदस्य ही पार्टी के सभी महत्वपूर्ण निर्णय लें.

वहीं, प्रधानमंत्री ने भाजपा के दो बड़े नेताओं राजनाथ सिंह और अमित शाह का जिक्र करते हुए तब कहा था कि दोनों नेता भाजपा को नहीं चलाते हैं. उन्होंने कांग्रेस पर तंज कसते हुए तब कहा था कि पार्टी एक परिवार तक सीमित हो गई है.

पीएम मोदी के तेलंगाना में दिए गए बयान के बाद से ही सोशल मीडिया के सभी प्लेटफॉर्म पर उनके समर्थन में लोग अपनी प्रोफाइल पर ‘मैं हूं मोदी का परिवार’ लिख रहे हैं. भाजपा के कद्दावर नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों तक ने अपने नाम के साथ प्रोफाइल में ‘मैं हूं मोदी का परिवार’ लिखना शुरू कर दिया है.

भाजपा नेता संबित पात्रा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, अनुराग ठाकुर, पीयूष गोयल जैसे तमाम भाजपा नेताओं और पीएम मोदी को देशभर में पसंद करने वाले लोगों ने अपने एक्स बायो में बदलाव किया है. ऐसे तमाम लोगों ने अपने नाम के आगे लिखा है ‘मोदी का परिवार’. पीएम मोदी के इस नारे के बाद से ही एक्स पर लोग धड़ाधड़ अपना बायो बदल रहे हैं. मतलब साफ है कि पीएम मोदी के इस नारे ने अब कैंपेन का रूप ले लिया है.

जीकेटी/