कोलकाता, 4 मार्च . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उप निदेशक गौरव वारिल को भेजे गए सीआईडी नोटिस के खिलाफ कोलकाता उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. राज्य सरकार की एजेंसी ने तृणमूल कांग्रेस नेता शेख शाहजहां से जुड़े मामले में वारिल को पूछताछ के लिए यहां भबानी भवन स्थित सीआईडी मुख्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा है.
पहले नोटिस पर गौरव वारिल के उपस्थित न होने के बाद उन्हें नया नोटिस दिया गया है, जिसमें उन्हें मंगलवार को भबानी भवन में उपस्थित होने के लिए कहा गया है. इसके बाद, केंद्रीय एजेंसी न मामले को अदालत में जाने का निर्णय लिया.
सूत्रों ने बताया कि चूँकि 5 जनवरी को ईडी के अधिकारियों पर किए गए हमलों की स्वतंत्र जांच के लिए उसकी अपील से संबंधित एक मामला पहले ही कलकत्ता उच्च न्यायालय के समक्ष लंबित है, इसलिए उसके अधिकारी के तब तक सीआईडी कार्यालय जाने का कोई मतलब नहीं है जब तक इस मामले में फैसला नहीं आ जाता
उल्लेखनीय है कि सबसे पहले कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने ईडी और सीएपीएफ कर्मियों पर हमले की जांच सीबीआई और पश्चिम बंगाल पुलिस की संयुक्त एसआईटी से कराने का निर्देश दिया था. हालाँकि, इसके बाद ईडी ने एकल-न्यायाधीश पीठ के आदेश को चुनौती देते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया और मामले में स्वतंत्र सीबीआई जांच की मांग की. इसके बाद खंडपीठ ने संयुक्त एसआईटी के गठन और उसकी जांच पर अंतरिम रोक लगा दी थी.
ईडी के उप निदेशक को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत पहला नोटिस दिया गया था जिसमें कुछ जानकारी प्राप्त करने के लिए कहा गया है क्योंकि 5 जनवरी को केंंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों पर हमले के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
ईडी अधिकारी को सीआरपीसी की धारा 91 के तहत नोटिस देकर पूछताभ के लिए बुलाया गया है.
गौरव वरिल ने पुलिस पर शाहजहाँ और उनके सहयोगियों पर हुए हमलों के लिए अपने सहयोगियों की शिकायत दर्ज कराई है. उस हमले में एमडी के तीन अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती भी करा दिया गया.
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एकेजे/