नई दिल्ली, 2 मार्च . महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री धर्मरावबाबा अत्रम की जीवन कहानी जल्द ही एक फिल्म के जरिए दर्शकों के सामने पेश की जाएगी.
एबिना एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी फिल्म ‘धर्मरावबाबा अत्रम-दिलों का राजा’ का ट्रेलर मुंबई के ताज होटल में भव्य तरीकेे से लॉन्च किया गया .
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सदस्य प्रफुल्ल पटेल उपस्थित थे. भूषण अरुण चौधरी द्वारा निर्देशित इस फिल्म की निर्माता नीतू जोशी हैं. अभिनेता जितेश मोरे ने फिल्म में युवा धर्मरावबाबा अत्रम की भूमिका निभाई.
इस अवसर पर विधायक संदीप धुर्वे, मंत्री अनिल पाटिल, मंत्री अदिति सुनील तटकरे, दिनेश वाघमारे, अभिमन्यु और निशा जामवाल सहित विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे. निर्माता नीतू जोशी ने सभी अतिथियों को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया.
प्रफुल्ल पटेल ने कहा, “मुझे नहीं पता था कि बाबा जी एक्टिंग भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा, इस फिल्म के जरिए हमारे देश और इस राज्य के रत्नों को लोगों तक पहुंचाने का काम किया जा रहा है. बाबा जी अहिरी के राजा हैं.”
उन्होंने कहा कि अहिरी एक आदिवासी राज्य है और वह यहां के राजपरिवार से हैं.
उन्होंने कहा कि उनके पिता का निधन बहुत कम उम्र में हो गया था और इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. फिल्म में उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रस्तुत किया गया है.
उन्होंने कहा,“मैं ट्रेलर देखकर खुश हूं, लेकिन पिक्चर अभी बाकी है. हम सब बहुत संघर्ष के बाद यहां आये हैं. बिना त्याग के कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. बाबा राज्य के पिछड़े इलाकों से आते हैं, लेकिन उनके प्रयासों से आदिवासियों के जीवन में अहम बदलाव आ रहे हैं. उन्होंने लाखों लोगों की जिंदगी बदल दी है. मैं निर्माता नीतू जोशी को शुभकामनाएं देता हूं.”
नीतू जोशी ने कहा कि इस फिल्म के निर्माण के दौरान उन्होंने बाबा को करीब से जाना, उनके संघर्षों को महसूस किया, समाज के प्रति उनकी जिम्मेदारी देखी और उनके योगदान को महसूस किया.
उन्होंने कहा,“इस फिल्म के जरिए मैं यह संदेश भी देना चाहता हूं कि नई पीढ़ी को अच्छे संस्कार देना जरूरी है, ताकि वे जीवन में कुछ उल्लेखनीय कर सकें. मैं एक ऐसी फिल्म बनाना चाहता था, जो समाज के लिए प्रेरणादायक हो.”
नीतू ने कहा, “जब मैंने शोध करना शुरू किया, तो मैं नक्सली इलाकों में गया और बाबा के बारे में सुना. जब वह केवल 14 साल के थे, तब उनके पिता का निधन हो गया और उसके बाद उनके संघर्ष और काम के बारे में सुनकर मैंने उनके बारे में एक फिल्म बनाने का फैसला किया. इस फिल्म में हमने बाबा के आदिवासी इलाके से कैबिनेट मंत्री बनने तक का सफर दिखाया है.”
मंत्री धर्मरावबाबा अत्रम ने कहा, ‘मैंने नालों का पानी पिया, नक्सलियों के चंगुल से जिंदा वापस लौटा, नहीं पता था कि वहां से जिंदा वापस आऊंगा या नहीं.’
इस फिल्म में इस पूरे सफर को दिखाया गया है.
निर्देशक भूषण अरुण चौधरी ने कहा, “इस उम्र में भी, बाबा जी ऊर्जा से भरे हुए हैं, और उनकी ऊर्जा देखकर मुझे सुकून मिला. जितेश ने फिल्म में अच्छा काम किया, बाबा जी की शारीरिक भाषा को अच्छी तरह से चित्रित किया. इस फिल्म को बनाना एक सपना था मेरे लिए.”
अभिनेता जितेश मोरे ने कहा, “जब मुझे इस किरदार को निभाने का प्रस्ताव मिला, तो मुझे बहुत दबाव महसूस हुआ. जब लोग मुझे स्क्रीन पर देखते हैं, तो उन्हें लगता है कि मैं बाबा जैसा दिखता हूं. मैंने इसी दबाव में काम किया और निर्देशक ने मेरे काम को काफी बेहतर और आसान बनाया.”
बायोपिक जल्द ही रिलीज होगी.
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