कालेश्वरम परियोजना पर कांग्रेस के ‘दुष्प्रचार’ का बीआरएस नेता देंगे जवाब

हैदराबाद, 1 मार्च . भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता कालेश्वरम परियोजना के खिलाफ कांग्रेस सरकार के “दुष्प्रचार” का मुकाबला करने के लिए अपने ‘चलो मेदिगड्डा’ अभियान के तहत शुक्रवार को मेदिगड्डा बैराज के लिए रवाना हुए.

बीआरएस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव को छोड़कर विधायकों, एमएलसी और सांसदों सहित पार्टी के सभी शीर्ष नेता हैदराबाद में पार्टी मुख्यालय, तेलंगाना भवन से मेदिगड्डा के लिए रवाना हुए.

बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव के नेतृत्व में नेता जयशंकर भूपालपल्ली जिले के मेदिगड्डा के लिए बसों में रवाना हुए.

गौरतलब है कि पिछले साल अक्टूबर में बैराज के कुछ खंभे डूब गए, इसके बाद केंद्र को राष्ट्रीय बांध सुरक्षा प्राधिकरण (एनडीएसए) की एक टीम भेजनी पड़ी. इस मुद्दे ने राजनीतिक रंग ले लिया. कांग्रेस और भाजपा दोनों ने बीआरएस सरकार पर निशाना साधा और दावा किया कि एनडीएसए द्वारा अपनी रिपोर्ट में खंभों के डूबने के कारण के रूप में उसके डिजाइन व निष्पादन में खामियों का उल्लेख करने से परियोजना में भ्रष्टाचार के उनके आरोप साबित होते हैं.

दिसंबर में कांग्रेस के राज्य में सत्ता में आने के बाद, उसने मामले की न्यायिक और सतर्कता विभाग से जांच के आदेश दिए.

मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी, एआईएमआईएम और सीपीआई के मंत्रियों व विधायकों के साथ 13 फरवरी को बैराज का दौरा किया था. उन्होंने सभी दलों को यात्रा में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन बीआरएस और भाजपा इससे दूर रहे.

दौरे के बाद, मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि परियोजना पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपये का सार्वजनिक धन बर्बाद किया गया, क्योंकि मेदिगड्डा बैराज अपने निर्माण के तीन साल के भीतर खंभों के डूबने के कारण बेकार हो गया.

कांग्रेस सरकार ने यह भी दावा किया कि अन्नाराम और सुंडीला बैराजों में भी समस्याएं शुरू हुईं, इससे दोषपूर्ण डिजाइन और निर्माण की खराब गुणवत्ता उजागर हुई.

हालांकि, बीआरएस ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया और उस पर पिछली सरकार को बदनाम करने के लिए अभियान चलाने का आरोप लगाया.

मेदिगड्डा के लिए रवाना होने से पहले, केटी रामा राव ने दोहराया कि उनकी यात्रा का उद्देश्य लोगों को कालेश्वरम परियोजना के लाभों को समझाना और सरकार से तुरंत मरम्मत करने की मांग करना है, ताकि किसानों को नुकसान न हो.

केटीआर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के रवैये से पता चलता है कि उसके लिए किसानों से ज्यादा राजनीति महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा, “खंभों की मरम्मत न कराकर कांग्रेस ने यह साजिश रची है कि आने वाले बरसात के मौसम में बैराज बह जाए.”

बीआरएस नेता ने कांग्रेस को सलाह दी कि वह बीआरएस के प्रति अपने गुस्से का खामियाजा किसानों को न भुगताए. उन्होंने कहा,“हम मांग कर रहे हैं कि सरकार क्षतिग्रस्त खंभों की मरम्मत कराए, ताकि किसानों को परेशानी न हो. हम पहले ही कह चुके हैं कि सरकार दोषी पाए गए लोगों को दंडित करने के लिए किसी भी जांच का आदेश दे सकती है.”

वरिष्ठ बीआरएस नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष पोचारम श्रीनिवास रेड्डी ने आरोप लगाया कि कालेश्वरम परियोजना के लाभों को देखने में असमर्थ कांग्रेस गलत सूचना अभियान चला रही है.

“मेडिगड्डा बड़े प्रोजेक्ट का एक हिस्सा मात्र है. मेदिगड्डा के 84 खंभों में से केवल तीन को नुकसान हुआ है. यह तकनीकी समस्याओं के कारण हो सकता है. यह दुनिया भर की परियोजनाओं में होता है. सरकार को खामियों को सुधारना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए लेकिन मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.”

श्रीनिवास रेड्डी ने कहा कि ‘चलो मेदिगड्डा’ के जरिए वे सरकार को उसकी जिम्मेदारी याद दिलाना चाहते हैं.

पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सिंचाई मंत्री टी. हरीश राव पावरपॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से परियोजना की विशेषताओं और इससे राज्य को होने वाले लाभों के बारे में बताएंगे.

/