जयपुर, 29 फरवरी . राजस्थान में अब अविवाहित महिलाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका बन सकती हैं, क्योंकि बदलाव लाने के लिए चयन मानदंडों में संशोधन किया गया है.
उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में यह ऐतिहासिक निर्णय लिया गया है.
उन्होंने कहा, अब सभी महिलाएं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका के पदों के लिए आवेदन करने के लिए पात्र होंगी.
महिला एवं बाल विकास सचिव कृष्ण कुणाल ने कहा कि उपमुख्यमंत्री ने आंगनवाड़ी मानदेय कर्मियों के चयन मानदंड में संशोधन को मंजूरी देकर अविवाहित महिलाओं को इस क्षेत्र में अवसर प्रदान करने की पहल की है.
कुणाल ने यह भी कहा कि दीया कुमारी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के पदों के लिए आवेदन करते समय उन महिलाओं को प्राथमिकता देने को मंजूरी दे दी है, जिनके पास राज्य में लगातार दो साल कार्य करने का अनुभव है. इसके लिए उन्हें बोनस के रूप में चार अंक दिए जाएंगे, जिससे उनका चयन आसान हो जाएगा.
दीया कुमारी ने अप्रैल से आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी को भी मंजूरी दे दी है.
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