मॉस्को, 29 फरवरी . रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को फेडरल असेंबली को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि ब्रिक्स देश पर्चेजिंग पावर पैरिटी (पीपीपी) के आधार पर ग्लोबल जीडीपी में हिस्सेदारी में जी7 से आगे निकल रहे हैं.
आरटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि राष्ट्रपति पुतिन के अनुमान के अनुसार, ब्रिक्स की हिस्सेदारी 2028 तक बढ़कर 36.6 प्रतिशत हो जाएगी, जबकि जी7 की हिस्सेदारी घटकर 27.8 प्रतिशत रह जाएगी.
पुतिन ने कहा, “लेकिन 10 साल पहले स्थिति अलग थी. 2022 में ब्रिक्स देशों ने पीपीपी टर्म में जीडीपी के मामले में 31.5 प्रतिशत के साथ जी7 (30.3 प्रतिशत) को पीछे छोड़ दिया. वर्ष 1992 में ब्रिक्स की हिस्सेदारी केवल 16.5 प्रतिशत के आसपास थी.”
पीपीपी कई अर्थशास्त्रियों के बीच एक लोकप्रिय मानक है, जो वस्तुओं और सेवाओं की लागत में अंतर को समायोजित करके देशों के बीच आर्थिक उत्पादकता और जीवन स्तर की तुलना करता है.
उभरती अर्थव्यवस्थाओं के ब्रिक्स समूह में पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे. इस साल जनवरी में ईरान, इथियोपिया, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात के शामिल होने के बाद इसका आकार बढ़ गया है.
आरटी की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब को भी आमंत्रित किया गया है और वह सदस्य बनने के लिए तैयार है. कई अन्य देशों ने इसमें शामिल होने में रुचि दिखाई है जबकि कुछ ने पहले ही औपचारिक रूप से आवेदन जमा कर दिए हैं.
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एफजेड/एकेजे