असम और बंगाल दोनों जगह लगा कांग्रेस को झटका, नेताओं ने छोड़ी पार्टी

नई दिल्ली, 28 फरवरी . लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक के बाद एक बड़े झटके लगते जा रहे हैं. असम के बाद पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. कलकत्ता हाई कोर्ट के वकील और कांग्रेस नेता कौस्तव बागची ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स के जरिए इसकी घोषणा की.

कौस्तव बागची ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, पश्चिम बंगाल कांग्रेस प्रमुख अधीर रंजन चौधरी, गुलाम अहमद मीर को चिट्ठी लिखकर भेजा है.

अटकलें लगाई जा रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बागची भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं. इससे पहले असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष राणा गोस्वामी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने बुधवार को अपना इस्तीफा कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल को भेज दिया है.

कौस्तव बागची ने चिट्ठी में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए लिखा, ”मैं एक बात बार-बार बोल रहा हूं कि मैं कांग्रेस के भ्रष्ट तृणमूल कांग्रेस से हाथ मिलाने के खिलाफ हूं. कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व बंगाल इकाई को कोई महत्व नहीं देता है. इसलिए मैं अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करना चाहता और पार्टी से इस्तीफा देता हूं.”

बता दें कि कौस्तव बागची उस वक्त सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ एक निजी टेलीविजन चैनल पर विवादित टिप्पणी कर डाली थी. इसके बाद कौस्तव बागची को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था. कौस्तव के खिलाफ कोलकाता के बर्टोला पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की गई थी.

इस शिकायत के आधार पर कोलकाता पुलिस ने उन पर प्राथमिकी दर्ज की थी. इस मामले में उनसे कई घंटे तक पूछताछ करने के बाद बर्टोला थाना पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. हालांकि, बाद में उन्हें जमानत मिली गई थी.

जमानत मिलने के बाद बागची ने बीच सड़क पर बैठकर अपना सिर मुंडवाया था. इसके साथ ही उन्होंने ममता सरकार को बंगाल से विदा करने की शपथ ली थी. कौस्तव ने तब कहा था कि जब तक ममता सरकार की राज्य से विदाई नहीं होती है, तब तक वह अपने सिर पर बाल नहीं रखेंगे.

एसके/एबीएम