नई दिल्ली, 26 फरवरी . राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि डॉक्टरों की नैतिक जिम्मेदारी है और उन्हें करुणा, दयालुता और सहानुभूति दिखाते हुए मानवता के साथ व्यवहार करना चाहिए.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू नई दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज (एलएचएमसी) के 107वें वार्षिक दिवस और दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं.
राष्ट्रपति ने कहा, “लोग डॉक्टरों को भगवान मानते हैं. डॉक्टरों को इस नैतिक जिम्मेदारी को समझना चाहिए और उसके अनुरूप व्यवहार करना चाहिए. वे वास्तव में सफल डॉक्टर या नर्स तभी होंगे जब उनमें पेशेवर क्षमता के साथ-साथ करुणा, दयालुता और सहानुभूति जैसे मानवीय मूल्य हों.”
“एक अच्छा स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर बनने के लिए, एक अच्छा इंसान बनना भी महत्वपूर्ण है”.
उन्होंने कहा कि गांधी जी ने भी चरित्र के बिना ज्ञान और मानवता के बिना विज्ञान को पाप बताया है.
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “उनका प्राथमिक उद्देश्य पैसा कमाना नहीं, बल्कि ‘स्वयं से पहले सेवा’ होना चाहिए.”
चिकित्सा विज्ञान में नई प्रगति की सराहना करते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि यह “सिर्फ इलाज तक सीमित नहीं है” और इसका “दायरा बहुत व्यापक हो गया है”.
उन्होंने कहा, ”चौथी औद्योगिक क्रांति के कारण भौतिक डिजिटल और जैविक क्षेत्रों के बीच का अंतर कम हो रहा है. सिंथेटिक बायोलॉजी में हो रहे नए प्रयोग और सीआरआईएसपीआर जीन एडिटिंग जैसी नई तकनीकें सदियों से चली आ रही समस्याओं का समाधान ढूंढने में मददगार साबित हो रही हैं.”
राष्ट्रपति ने कहा, लेकिन इन प्रौद्योगिकियों में दुरुपयोग की समस्या भी बनी हुई है, जबकि चिकित्सा जगत में विश्वास व्यक्त करते हुए कहा गया है कि वे अपने पेशेवर जीवन में नैतिकता और उच्च मूल्यों के साथ काम करें और एक स्वास्थ्य के एकीकृत दृष्टिकोण के साथ सभी समस्याओं को हल करने का प्रयास करें.”
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एमकेएस/एसजीके