वाशिंगटन, 23 फरवरी . अमेरिका ने जेल में बंद विपक्षी नेता अलेक्सी नवालनी की मौत और यूक्रेन के खिलाफ जारी युद्ध को लेकर शुक्रवार को रूस पर 500 नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिसका लक्ष्य उसकी ऊर्जा आय को और कम करना है, जो युद्ध के प्रयासों को बढ़ावा देती है और बनाए रखती है.
अमेरिका ने रूसी युद्ध को “पिछले दरवाजे से समर्थन” देने वाले देशों के खिलाफ भी 100 प्रतिबंधों की घोषणा की है, जिनमें चीन, संयुक्त अरब अमीरात और लिकटेंस्टीन शामिल हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने नए प्रतिबंधों की घोषणा करते हुए कहा, “ये प्रतिबंध नवालनी के कारावास से जुड़े व्यक्तियों के साथ-साथ रूस के वित्तीय क्षेत्र, रक्षा औद्योगिक आधार, खरीद नेटवर्क और कई महाद्वीपों को प्रभावित करेंगे.”
उन्होंने कहा, “वे यह सुनिश्चित करेंगे कि पुतिन को विदेश में अपनी आक्रामकता और घरेलू स्तर पर दमन के लिए और भी अधिक कीमत चुकानी पड़े.”
47 वर्षीय नवालनी की 16 फरवरी को रूसी जेल में मौत हो गई थी. राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन में अपने सैनिकों को भेजने के बाद से अमेरिका ने रूस में 2,000 से अधिक संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिया है, ताकि उनकी ऊर्जा आय और युद्ध के लिए सामग्री बनाने के स्रोतों को निचोड़कर रूस को युद्ध जारी रखने से रोका जा सके.
लेकिन लगता होता है कि रूस डरने से कोसों दूर है. इसकी अर्थव्यवस्था 2023 में 3 प्रतिशत बढ़ी, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था से भी अधिक है. रूस इसलिए युद्ध जारी रखे हुए है, क्योंकि वह अब फायदे में है. विशेष रूप से यूक्रेन के शस्त्रागार में हथियारों की कमी हो गई है और उसे हथियारों की आपूर्ति की सख्त जरूरत है. यूक्रेन के लिए अतिरिक्त सुरक्षा निधि देने वाला एक कानून अमेरिकी कांग्रेस के सदन कैपिटल हिल पर डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच राजनीतिक लड़ाई में फंस गया है.
बाइडेन ने अतिरिक्त सुरक्षा निधि विधेयक को मंजूरी देने के लिए प्रतिनिधि सभा को नियंत्रित करने वाले रिपब्लिकन पर दबाव डालते हुए कहा : “इतिहास देख रहा है. इस महत्वपूर्ण क्षण में यूक्रेन का समर्थन करने में विफलता को भुलाया नहीं जाएगा. अब हमारे लिए यूक्रेन के साथ मजबूती से खड़े होने और अपने सहयोगियों व साझेदारों के साथ एकजुट होने का समय है. अब यह साबित करने का समय आ गया है कि अमेरिका आजादी के लिए खड़ा है और किसी के सामने नहीं झुकता.”
ये अतिरिक्त प्रतिबंध दुनिया की सबसे बड़ी परमाणु शक्तियों के बीच संबंधों में और गिरावट व दोनों पक्षों द्वारा तीखी भाषा के आदान-प्रदान के बीच लगाए गए हैं.
बाइडेन ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपने अगले चुनाव अभियान के लिए धन जुटाने के कार्यक्रम में पुतिन को “पागल एसओबी’ कहा था और पुतिन ने बाइडेन को अमेरिका का पसंदीदा राष्ट्रपति कहकर उन पर तंज कसा था.
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