सना, 23 फरवरी . यमन के हौथी समूह ने कहा है कि उसने एक इजराइली शहर, एक ब्रिटिश मालवाहक जहाज और एक अमेरिकी युद्धपोत पर हमले किए हैं. इसे उसने यमन के खिलाफ “अमेरिकी-ब्रिटिश हमले” का जवाब बताया है.
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, हौथी सैन्य प्रवक्ता याह्या सरिया ने गुरुवार को समूह के अल-मसीरा टीवी द्वारा प्रसारित एक बयान में कहा कि पहले हमले में इजराइली शहर इलियट को बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से निशाना बनाया गया.
इज़राइली सेना ने कहा कि उसने गुरुवार सुबह लाल सागर से इलियट की ओर जा रही एक मिसाइल को रोका, जबकि इज़रायली मीडिया ने इज़राइली अधिकारियों के हवाले से कहा कि मिसाइल हमले को हौथी समूह ने अंजाम दिया.
सरिया ने कहा कि दूसरे हमले में अदन की खाड़ी में ब्रिटिश मालवाहक जहाज एमवी आइलैंडर पर मिसाइलों से हमला किया गया. इससे जहाज पर आग लग गई. उन्होंने कहा कि तीसरे हमले में ड्रोन से लाल सागर में अमेरिकी नौसेना के विध्वंसक जहाज को निशाना बनाया गया.
यूएस सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, हौथी ने दक्षिणी यमन से अदन की खाड़ी में दो जहाज-रोधी बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं, इससे जहाज एमवी आइलैंडर नष्ट हो गया और एक जहाज को मामूली नुकसान पहुंचा.
हौथी नेता अब्दुलमलिक अल-हौथी ने टेलीविज़न भाषण में लाल सागर और अदन की खाड़ी में अंतर्राष्ट्रीय शिपिंग पर और अधिक हमले शुरू करने का संकल्प जताया.
उन्होंने हौथी हमलों को गाजा पर शासन करने वाले इस्लामी समूह हमास के लिए समर्थन बताते हुए चेतावनी दी कि अभी और हमले होंगे.
उन्होंने दावा किया कि उनके समूह ने हमास के समर्थन में पिछले साल नवंबर के मध्य से मालवाहक जहाजों पर 48 बार मिसाइलों से हमला किया है.
उन्होंने अपने समूह की सैन्य क्षमताओं पर अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन के हवाई हमलों के प्रभाव को नकारते हुए कहा कि इन हमलों का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
उन्होंने यह भी कहा कि उनके समूह के पास पनडुब्बियां हैं और वे भविष्य के हमलों में उनका इस्तेमाल करेंगे.
गौरतलब है कि हौथी समूह ने 2014 के अंत में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सरकार को अपदस्थ कर उत्तरी यमन के अधिकांश हिस्से पर नियंत्रण कर लिया है.
समूह ने 2018 में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाल सागर बंदरगाह शहर होदेइदाह पर अपनी पकड़ मजबूत कर ली है.
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