कोलकाता, 22 फरवरी . राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) की फील्ड निरीक्षण टीम ने गुरुवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के संकटग्रस्त संदेशखाली का दौरा किया, जिसे स्थानीय लोगों से 23 शिकायतें मिली हैं.
एनसीएसटी के उपाध्यक्ष अनंत नायेक के नेतृत्व में फील्ड निरीक्षण टीम के एक सदस्य ने मीडियाकर्मियों को बताया कि आयोग अपने निष्कर्षों पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक रिपोर्ट सौंपेगा.
किसी का नाम लिए बिना, टीम के सदस्य ने कहा कि अधिकांश शिकायतें एक स्थानीय राजनीतिक नेता के खिलाफ थीं, जिनके बारे में आयोग राष्ट्रपति को अपडेट करेगा.
हालांकि, टीम के सदस्य अपने दिनभर के निरीक्षण के दौरान निष्कर्षों के विवरण के बारे में चुप्पी साधे हुए थे.
एनसीएसटी की टीम गुरुवार सुबह संदेशखाली पहुंची, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों, विशेषकर उन महिलाओं से बातचीत की, जो स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता और उनके सहयोगियों पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए पिछले दो सप्ताह से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.
बुधवार को एनसीएसटी ने मुख्य सचिव बी.पी. को नोटिस भेजा था. गोपालिका और कार्यवाहक डीजीपी राजीव कुमार से 72 घंटे के भीतर संदेशखाली में अशांति पर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है, अन्यथा राष्ट्रीय राजधानी में आयोग के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे.
एनसीएसटी के अलावा, चार अन्य राष्ट्रीय आयोग – राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग – ने संदेशखाली मामले में हस्तक्षेप किया है.
संदेशखाली की महिलाओं की शिकायतों की गंभीरता को देखते हुए एनसीडब्ल्यू और एनसीएससी दोनों के संबंधित अध्यक्षों ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की है.
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