कोलकाता, 20 फरवरी . पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता का मंगलवार को संकटग्रस्त संदेशखाली जिले में प्रवेश करने का रास्ता साफ हो गया. कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने सुवेंदु अधिकारी को संदेशखाली जाने के लिए सशर्त मंजूरी दे दी.
संदेशखाली के प्रवेश बिंदु धमाखाली नौका घाट पर रोके जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष वहां इंतजार करते रहे थे. जबकि, कोलकाता में उनके वकील ने क्षेत्र का दौरा करने की अनुमति के लिए फिर अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने विपक्ष के नेता के अलावा भाजपा विधायक शंकर घोष को संदेशखाली में प्रवेश की अनुमति दे दी. हालांकि, खंडपीठ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि एलओपी के सहयोगियों सहित किसी तीसरे व्यक्ति को अशांत क्षेत्रों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
अदालत ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना पुलिस की जिम्मेदारी होगी कि सुवेंदु अधिकारी और शंकर घोष की यात्रा के दौरान कानून-व्यवस्था का कोई उल्लंघन न हो.
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश कानून की भावना के अनुरूप था, जहां धारा 144 है, जो पांच या अधिक लोगों के इकट्ठा होने पर रोक लगाती है.
रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने धमाखाली नौका घाट पर बैरिकेड हटा दिया है. सुवेंदु अधिकारी और शंकर घोष एक पुलिस दल के साथ संदेशखाली के लिए रवाना हो गए हैं.
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