नई दिल्ली, 19 फरवरी . पश्चिम बंगाला के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली इन दिनों चर्चा के केंद्र में है. यहां से जिस तरह की खबरें सामने आ रही हैंं, वह किसी को भी झकझोर देने के लिए काफी है. वहीं संदेशखाली में हो रहे विरोध प्रदर्शन ने पश्चिम बंगाल की राजनीति का तापमान बढ़ा दिया है. वहां एक तरफ ममता बनर्जी की पार्टी और वह स्वयं संदेशखाली के मुद्दे पर बचाव की मुद्रा में नजर आ रही हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा और कांग्रेस जैसे तमाम दल इस मुद्दे पर पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले खड़े हैं. ऐसे में पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मैंने राष्ट्रीय महिला आयोग की चेयरपर्सन को पत्र लिखा है और उस पीड़िता की पहचान उजागर करने के संबंध में तत्काल कार्रवाई का अनुरोध किया है. जिसने साहसपूर्वक पश्चिम बंगाल पुलिस द्वारा संदेशखाली में दोषियों के खिलाफ एक वीडियो बयान दर्ज कराया और उसके बाद उसे जो उत्पीड़न झेलना पड़ा.
बता दें कि संदेशखाली से इस तरह की भी खबरें आती रही हैं कि जिन-जिन महिलाओं ने दोषियों के खिलाफ वीडियो जारी कर अपनी बात रखी, उनकी पहचान पुलिस के द्वारा उजागर की गई और उसके बाद उनके घरों पर पहुंचकर गुंडों ने उन्हें और उनके परिवार के लोगों को धमकाया और उत्पीड़न किया.
महिलाओं ने ये भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की पुलिस उन गुंडों के साथ मिली हुई है और उन्हें संरक्षण दे रही है. ऐसे में अब संदेशखाली गांव में महिलाओं द्वारा तृणमूल कांग्रेस के नेता शाहजहां शेख पर उत्पीड़न के आरोप को जानने के लिए राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम वहां जाएगी.
इससे पहले बता दें कि पश्चिम बंगाल में यौन उत्पीड़न के मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता शिबू प्रसाद हाजरा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हालांकि, पुलिस द्वारा संदेशखाली जाने से कई पार्टियों के सदस्यों को रोका जा रहा है. ऐसे में संदेशखाली में घटित हुई हृदयविदारक घटनाओं की आ रही खबरों को लेकर राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कि सभी जानते हैं कि वहां से बहुत परेशान करने वाली खबर आई है. ऐसे में मैं वहां जा रही हूं. मैं चाहती हूं कि वहां विरोध कर रही महिलाओं को न्याय मिले. उन्होंने वहां के डीजी, स्थानीय पुलिस व पीड़ित महिलाओं के साथ राज्यपाल से भी मिलने की बात कही.
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