कोलकाता, 16 फरवरी . पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले का संदेशखाली अब एक बच्चे के साथ क्रूरता के लिए राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) की जांच के दायरे में है. संदेशखाली पहले से ही तृणमूल कांग्रेस नेताओं द्वारा स्थानीय महिलाओं के यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर गरमाया हुआ है.
आयोग ने शुक्रवार को दक्षिण 24 परगना जिले के जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) शरद कुमार द्विवेदी को सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 13 के तहत एक नोटिस जारी किया, जिसमें 10 फरवरी को संदेशखाली में बदमाशों के एक समूह ने एक बच्चे को उसकी मां की गोद से छीनकर फेंक दिए जाने की रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई की मांग की गई है.
एनसीपीसीआर अध्यक्ष के प्रधान निजी सचिव धर्मेंद्र भंडारी द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में डीएम से पीड़ित परिवार के सदस्यों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अलावा बच्चे के चिकित्सा उपचार की व्यवस्था करने के लिए भी कहा गया है.
डीएम को परिवार को पर्याप्त मुआवजा देने के अलावा उनका उचित पुनर्वास सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया गया था. एनसीपीसीआर ने डीएम को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया है कि उपद्रवियों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई शुरू की जाए.
जिला प्रशासन को अगले 48 घंटों के भीतर आयोग के साथ संबंधित दस्तावेजों के साथ की गई कार्रवाई रिपोर्ट साझा करने का भी निर्देश दिया गया है.
आयोग ने एक रिपोर्ट पर ध्यान दिया था कि बदमाश संदेशखाली में रहने वाली एक महिला के घर में जबरदस्ती घुस गए, उसके साथ मारपीट की, उसका बच्चा छीन लिया और उसे फेंक दिया.
हालांकि, राज्य और जिला प्रशासन एनसीपीसीआर के नोटिस के बारे में चुप हैं और खबर लिखे जाने तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. यह घटनाक्रम उसी दिन हुआ, जब छह सदस्यीय हाई पावर कमेटी के सदस्यों को जिला पुलिस ने संदेशखाली पहुंचने से रोक दिया था.
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एफजेड/एसजीके