ब्रिटेन मंदी की चपेट में, पीएम सुनक की आर्थिक संवृद्धि करने की प्रतिज्ञा पटरी से उतरी

लंदन, 15 फरवरी . ब्रिटेन आम चुनाव से कुछ ही महीने पहले मंदी की चपेट में आ गया है. गुरुवार को जारी किए गए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मंदी के कारण प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की आर्थिक संवृद्धि पैदा करने की प्रतिज्ञा पटरी से उतर गई.

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (ओएनएस) ने कहा कि जुलाई से सितंबर की अवधि में 0.1 प्रतिशत गिरावट के बाद 2023 के अंतिम तीन महीनों में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 0.3 प्रतिशत की गिरावट आई. मंदी को आमतौर पर लगातार दो तिमाहियों में गिरावट के रूप में परिभाषित किया जाता है.

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, ओएनएस के आर्थिक सांख्यिकी निदेशक लिज़ मैककेन ने एक बयान में कहा, “इस तिमाही में सभी मुख्य क्षेत्रों में गिरावट आई. विनिर्माण, निर्माण और थोक विकास पर सबसे बड़ा असर पड़ा, होटलों और वाहनों और मशीनरी के किराये में वृद्धि से आंशिक रूप से भरपाई हुई.”

ओएनएस का अनुमान है कि 2023 में यूके की जीडीपी में मामूली 0.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. यदि महामारी से प्रभावित 2020 को छोड़ दिया जाए, तो यह 2009 के बाद से सबसे खराब प्रदर्शन रहा, जब अर्थव्यवस्था वैश्विक वित्तीय संकट से जूझ रही थी.

पिछले साल उत्पादन में कमजोर वृद्धि 2022 में 4.3 प्रतिशत की ग्रोथ के बाद हुई. मैककेन ने कहा, “पूरे 2023 में अर्थव्यवस्था मोटे तौर पर सपाट (समतल) रही है.”

यह खबर सुनक के लिए निराशा वाली होगी, जिनकी सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी गुरुवार को इंग्लैंड में दो स्थानीय चुनाव लड़ रही है.

सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इससे इस साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव से पहले जनमत सर्वे में विपक्षी लेबर पार्टी को पहले से ही मिल रही बढ़त भी बढ़ सकती है.

इंग्लैंड और वेल्स में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स के अर्थशास्त्र निदेशक सुरेन थिरु ने कहा, “हालांकि इस मंदी की उथल-पुथल से राहत मिलती है. लेकिन ये आंकड़े यह भी पुष्टि करते हैं कि हमारी अर्थव्यवस्था पूरे 2023 तक लगातार स्थिरता के चक्र में बंद रही.”

एफजेड/एसजीके