नई दिल्ली, 15 फरवरी . भारतीय वेबसाइटों और एप्लिकेशन पर 2023 में 5.14 अरब से ज्यादा साइबर हमले हुए हैं. जिसमें खासकर स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र को निशाना बनाया गया.
गुरुवार को सामने आई एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. टीसीजीएफ 2 (टाटा कैपिटल) द्वारा वित्त पोषित एप्लिकेशन सुरक्षा कंपनी इंडसफेस की रिपोर्ट के अनुसार, हमलों में 10 गुना वृद्धि के साथ, भारत में सॉफ्टवेयर-ए-ए-सर्विस (सास) कंपनियां उच्च मूल्य वाले ग्राहक डेटा के कारण साइबर अपराधियों के लिए प्रमुख लक्ष्य के रूप में उभरी हैं.
खुदरा और ई-कॉमर्स उद्योग ज्यादातर कार्डिंग हमलों के निशाने पर थे. विश्लेषण किए गए अन्य उद्योगों में आईटी सेवाएं और परामर्श, विनिर्माण, दूरसंचार, विपणन और विज्ञापन शामिल हैं.
विश्लेषण किए गए अन्य उद्योगों में आईटी सेवाएं और परामर्श, विनिर्माण, दूरसंचार, विपणन और विज्ञापन शामिल हैं.
इंडसफेस के सीईओ आशीष टंडन ने कहा, “कार्ड क्रैकिंग या क्रेडेंशियल स्टफिंग के साथ-साथ, हमने बॉट-संचालित, कम दर वाले डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (डीडीओएस) हमलों का भी अधिक बार उपयोग होते देखा है.”
मिटिगेशन के बारे में उन्होंने कहा, “हमने उचित सफलता देखी है जहां एआई मॉडल हमारी प्रबंधित सेवा टीम को संभावित विसंगतियों के बारे में सचेत कर रहे हैं और टीम शीघ्रता से मिटिगेशन उपाय करने में सक्षम है.”
इंडसफेस के ‘ऐपट्राना’ नेटवर्क ने विश्व स्तर पर 6.8 अरब हमलों को रोका, जिनमें से 5.14 अरब हमले भारतीय उद्यमों, एसएमई और सरकारी संगठनों को निशाना बनाकर किए गए थे.
रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में पहली तिमाही से चौथी तिमाही तक साइबर हमलों में औसतन 63 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई.
रिपोर्ट विभिन्न उद्योगों, विशेष रूप से स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की कमजोरियों पर प्रकाश डालती है, जहां 100 प्रतिशत वेबसाइटों को बॉट हमलों का सामना करना पड़ा. वहीं बैंकिंग, वित्त और बीमा क्षेत्र, जहां 90 प्रतिशत संस्थाओं को इसी तरह के हमलों का सामना करना पड़ा.
2023 में 10 में से आठ साइटों को लक्षित बॉट हमलों का सामना करना पड़ा. प्रत्येक तिमाही में 46 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई. कुल मिलाकर 467 मिलियन से अधिक बॉट हमले हुए. रिपोर्ट में जिक्र किया गया है कि प्रमुख साइबर हमले के स्रोतों में भारत के अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, जर्मनी और सिंगापुर शामिल हैं.
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एफजेड/