गोरखपुर, 15 फरवरी . यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस छात्रों के लिए 60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए प्रशासनिक भवन के शिलान्यास तथा मेडिकल कॉलेज में सोलर रूफटॉप प्लांट के लोकार्पण के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित किया.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस इंसेफेलाइटिस से हर साल 1,200 से 1,500 मौतें होती थी, आज उसे पूरी तरह कंट्रोल करते हुए हम लोग मासूम बच्चों को बचाने में सफल हुए हैं. इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के सफलतम मॉडल का केंद्र बिंदु बीआरडी मेडिकल कॉलेज बना क्योंकि सबसे ज्यादा बोझ इसी पर रहता था. हमने इंसेफेलाइटिस का चरम भी देखा है और आज उसे समाप्त होते भी देख रहे हैं.
सीएम योगी ने कहा कि 1977-78 से लेकर 2017 तक इंसेफेलाइटिस को समाप्त करने के बारे में सरकारें सोचती तक नहीं थी. 2017 में मुख्यमंत्री बनने पर मैंने इसके उन्मूलन के बारे में मॉडल तैयार करने पर विचार किया. इसी सिलसिले में कुशीनगर मुसहरों के बीच जाकर स्वच्छता अभियान चलाया. उन्हें स्वच्छता के तरीके समझाए, साबुन के प्रयोग की जानकारी दी. मीडिया में हंसी उड़ाई गई कि एक मुख्यमंत्री गरीबों को साबुन बांट रहा है. जब कोरोना आया तो ट्रायल करने वाले मीडिया के साथियों को भी साबुन और स्वच्छता की बात समझ में आई.
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वच्छता पर ध्यान कई बीमारियों का समाधान है. इसे इंसेफेलाइटिस समाप्त करने की दिशा में मिशन मोड में बढ़ाया गया तो परिणाम सामने आया.
सीएम योगी ने कहा कि बीआरडी मेडिकल कॉलेज का अपना गौरवशाली इतिहास है. इस मेडिकल कॉलेज ने अनेक उतार-चढ़ाव भी देखे हैं. वह भी दौर देखा है, जब यह पूर्वी यूपी के स्वास्थ्य का एकमात्र केंद्र हुआ करता था और वह भी संसाधनों के अभाव से जूझता था. न डॉक्टर थे, न पैरामेडिक्स थे, न नर्सिंग स्टाफ था और न अन्य कार्यों के लिए जरूरी मैनपावर.
2017 के बाद यहां आए बदलाव की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यहां बाल रोग संस्थान प्रारंभ हो चुका है. पीडिया वार्ड सुसज्जित और इंफ्रास्ट्रक्चर से संपन्न हो गया है. इसी परिसर में रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर भी क्रियाशील हो चुका है.
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विकेटी/एबीएम