रायबरेली, 15 फरवरी . कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजस्थान से राज्यसभा चुनाव लड़ने के बाद से रायबरेली में उनकी जगह कौन चुनाव लड़ेगा, इसकी चर्चा तेज हो गई है. सियासी गलियारों में चर्चा इस बात की हो रही हैं कि रायबरेली से प्रियंका गांधी को चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है.
राजनीतिक जानकर कहते हैं कि रायबरेली और अमेठी का गांधी परिवार से काफी पुराना नाता रहा है. इसी कारण इन सीटों पर पारिवारिक लोग ही अपनी किस्मत आजमाते रहे हैं. क़यास लग रहे हैं कि प्रियंका गांधी यहां से चुनाव लड़ सकती हैं. वह यूपी कांग्रेस की प्रभारी रही हैं और अमेठी और रायबरेली में काफ़ी एक्टिव भी रही है. सोनिया गांधी की अनुपस्थित में उन्होंने रायबरेली का दौरा कर वहां के लोगों से मिलती भी रही हैं.
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि निश्चित तौर पर रायबरेली गांधी परिवार से ही कोई लड़ेगा. अमेठी-रायबरेली से गांधी परिवार का कई पीढ़ियों का नाता रहा है. यह दोनों सीटें परिवार के पास ही रहेंगी. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक प्रसून पांडेय कहते हैं कि रायबरेली सीट कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है. 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को यूपी में सिर्फ दो ही सीटें मिली थीं-अमेठी और रायबरेली. 2019 में राहुल गांधी अमेठी से हार गए और कांग्रेस को सिर्फ रायबरेली सीट पर ही जीत मिली.
अब 2024 में अगर गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव नहीं लड़ता है, तो यह सीट भी हाथ से निकल सकती है. ऐसे में कांग्रेस पार्टी यह सीट अपने परिवार के पास ही रखना चाहेगी. गांधी परिवार के साथ यहां के लोगों का लगाव अटूट माना जाता है. इसी भरोसे को देखते हुए प्रियंका के चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें अब और तेज हाे गई हैं. लंबे समय से गांधी परिवार के ही किसी न किसी सदस्य की यहां से दावेदारी होती रही है.
उन्होंने बताया कि सोनिया पहली बार 1999 के लोकसभा चुनाव में लड़ीं. उन्होंने बेल्लारी (कर्नाटक) और अमेठी (उत्तर प्रदेश) से चुनाव लड़ा और दोनों जगह जीता. इसके बाद उन्होंने बेल्लारी की सीट छोड़ दी. 2004 में अमेठी सीट से राहुल गांधी ने चुनाव लड़ा. सोनिया स्वयं रायबरेली सीट से लोकसभा चुनाव लड़ीं और जीत दर्ज की. इसके बाद ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मुद्दे पर सोनिया ने 2006 में संसदीय सीट से इस्तीफा दिया. फिर उप चुनाव में जीतकर आईं. इसके बाद 2009, 2014, 2019 के लोकसभा चुनावों में लगातार जीतती रहीं. प्रचंड मोदी लहर के दौर में भी इस सीट ने कांग्रेस की लाज बचाए रखी. 2019 में अमेठी से राहुल गांधी हार गए, लेकिन सोनिया जीतने में कामयाब रहीं.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अंशू अवस्थी कहते हैं कि रायबरेली और गांधी परिवार का पीढ़ियों से बहुत ही आत्मीय और पारिवारिक रिश्ता है. रायबरेली के लोगों के साथ गांधी परिवार हमेशा सुख-दुख में खड़ा रहता है, वहां के लाखों परिवारों की इच्छा है कि सोनिया गांधी के राज्यसभा जाने के बाद गांधी परिवार का सदस्य ही लोकसभा में उनका प्रतिनिधित्व करे. हम सभी के लिए गौरव का विषय होगा कि गांधी परिवार का सदस्य रायबरेली से प्रतिनिधित्व करे सभी की इच्छा है. निर्णय गांधी परिवार को सोनिया गांधी को और राष्ट्रीय नेतृत्व को लेना है, हम सभी मांग करते हैं कि प्रियंका गांधी रायबरेली से लोकसभा में प्रतिनिधित्व करें और राहुल गांधी अमेठी से लोकसभा में जाएं.
—
विकेटी/