अबू धाबी में बने हिंदू मंदिर को लेकर बोले पीएम मोदी, ‘राष्ट्रपति नाहयान ने कहा था, जिस जमीन पर तुम लकीर खींच दोगे, मैं वो दे दूंगा’

नई दिल्ली, 13 फरवरी . प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अबू धाबी के शेख जायद स्टेडियम में भारतीय समुदाय के कार्यक्रम ‘अहलान मोदी’ को संबोधित करते हुए कहा कि बीते दस वर्षों में यूएई की ये मेरी सातवीं यात्रा है. यूएई के राष्ट्रपति नाहयान आज भी मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव करने आए थे. उनकी गर्मजोशी वही थी, उनका अपनापन वही था. यही बात उन्हें खास बना देती है.

“मुझे खुशी है कि हमें भी चार बार भारत में उनका स्वागत करने का अवसर मिला. कुछ दिन पहले ही वो गुजरात आए थे. तब, वहां लाखों लोग उनका आभार व्यक्त करने के लिए सड़क के दोनों ओर जमा हो गए थे. वो जिस तरह यूएई में आप सभी का ध्यान रख रहे हैं, वो जिस तरह आपके हितों की चिंता करते हैं. वैसा कम ही देखने को मिलता है. इसलिए उन्हें धन्यवाद बोलने के लिए वो सारे लोग घरों से बाहर निकल आए.”

पीएम मोदी ने आगे कहा कि 2015 में उनके सामने आप सबकी ओर से अबू धाबी में एक मंदिर का प्रस्ताव मैंने रखा. उन्होंने तुरंत एक पल भी गंवाए बिना हां कर दी. उन्होंने कह दिया कि जिस जमीन पर तुम लकीर खींच दोगे, मैं वो दे दूंगा. अबू धाबी में भव्य दिव्य मंदिर के लोकार्पण का ऐतिहासिक समय आ गया है. भारत यूएई की दोस्ती जितनी जमीन पर मजबूत है, उतना ही परचम अंतरिक्ष में भी लहरा रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि यूएई भारत का तीसरा बड़ा ट्रेड पार्टनर है. आज यूएई सातवां बड़ा निवेशक है. हम दोनों देश ‘ईज ऑफ लिविंग’ और ‘ईज ऑफ बिजनेस डूइंग’ में बहुत अधिक सहयोग कर रहे हैं. आज भी हमारे बीच जो समझौते हुए हैं, वो इसी कमिटमेंट को आगे बढ़ा रहे हैं. हम अपने वित्तीय सिस्टम को बढ़ा रहे हैं. टेक के क्षेत्र में भी दोनों देश लगातार मजबूत हो रहे हैं.

पीएम मोदी ने कहा, “आज मैं अपने परिवार के सदस्यों से मिलने आया हूं. समंदर पार जिस देश की मिट्टी में आपने जन्म लिया है, मैं उस मिट्टी की खुशबू आपके लिए लेकर आया हूं. 140 करोड़ लोगों का संदेश लेकर आया हूं. संदेश यह है कि भारत को आप पर गर्व और गौरव है….”

एसके/एबीएम