मुंबई, 13 फरवरी . महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मंगलवार को यहां पूर्व सीएम अशोक चव्हाण की जमकर प्रशंसा की और उन्हें ‘राष्ट्रीय कद का नेता’ बताया, जिनके आने से भाजपा और राज्य की महायुति सरकार को फायदा होगा.
नवनियुक्त नेता के लिए राज्यसभा नामांकन की संभावना की ओर इशारा करते हुए फड़णवीस ने कहा, “केंद्रीय पार्टी के परामर्श से राज्य भाजपा इकाई चव्हाण के लिए उचित भूमिका तय करेगी, जो राष्ट्रीय कद के नेता हैं.”
उन्होंने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले, शहर प्रमुख आशीष शेलार और पार्टी के अन्य दिग्गजों के साथ चव्हाण का गर्मजोशी से स्वागत किया, जो सोमवार को कांग्रेस छोड़कर आज दोपहर भगवा पार्टी में शामिल हो गए.
इससे पहले, दो बार के सीएम 66 वर्षीय चव्हाण को औपचारिक रूप से भाजपा में शामिल किया गया, इसके साथ वह राज्य मुख्यालय में अपनी नई राजनीतिक पारी की शुरुआत करेंगे.
चव्हाण के भाजपा में हाई-प्रोफाइल प्रवेश को देखने के लिए प्रवीण दरेकर, गिरीश महाजन, हर्षवर्द्धन पाटिल जैसे अन्य वरिष्ठ भी मौजूद थे.
बावनकुले ने अपने गृहनगर नांदेड़ में भाजपा कार्यालय के बाहर उमड़ी भीड़ और तालियों की गड़गड़ाहट के बीच चव्हाण के सदस्यता फॉर्म पर हस्ताक्षर किए.
अपने संबोधन में चव्हाण ने कहा कि वह अपने राजनीतिक जीवन में एक नया अध्याय शुरू कर रहे हैं और भाजपा द्वारा सौंपी गई किसी भी जिम्मेदारी को ईमानदारी से निभाएंगे.
“मैंने अब तक पूरे समर्पण के साथ कांग्रेस की सेवा की है और मैं यहां भी ऐसा करना जारी रखूंगा. किसी ने मुझे जाने के लिए नहीं कहा, यह मेरा निजी फैसला था.’ चव्हाण ने कहा, मैंने भाजपा से कोई मांग नहीं की है और न ही किसी अन्य (कांग्रेस) नेता से संपर्क किया है.
एक सवाल के जवाब में चव्हाण ने दोहराया कि बंबई उच्च न्यायालय द्वारा उनके पक्ष में फैसला सुनाये जाने के बाद वह आदर्श सोसाइटी घोटाले से बेदाग निकल आये हैं.
चव्हाण ने आश्वासन दिया कि वह महाराष्ट्र में आगामी (संसद/विधानसभा) चुनाव में भाजपा को अधिकतम सीटें दिलाने का प्रयास करेंगे.
चव्हाण ने आग्रह किया, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की प्रगति (‘विकास’) के लिए काम कर रहे हैं और हमें यह स्वीकार करना चाहिए, हम सभी को उनके हाथों को मजबूत करना चाहिए.”
सोमवार को, चव्हाण ने एक राजनीतिक बम विस्फोट किया जब उन्होंने अचानक कांग्रेस पार्टी छोड़ दी, जिसके साथ वह 40 वर्षों से अधिक समय से जुड़े हुए थे, और भोकर से मौजूदा विधायक भी थे.
वह पिछले चार हफ्तों में कांग्रेस छोड़ने वाले तीसरे महत्वपूर्ण नेता बन गए, पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद एम. देवड़ा जनवरी में सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना में शामिल होने के लिए चले गए, और पिछले हफ्ते ही पूर्व विधायक बाबा जियाउद्दीन सिद्दीकी ने कांग्रेस छोड़ दी.
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