नई दिल्ली, 13 फरवरी . सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष ने भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी.वाई. चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर दिल्ली में जबरन प्रवेश करने की कोशिश करने वाले किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान कार्रवाई शुरू करने का आग्रह किया.
सीजेआई को लिखे पत्र में, एससीबीए के अध्यक्ष आदिश अग्रवाल ने मंगलवार को कहा कि यह सही समय है जब सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि ये किसान कोई उपद्रव न करें और सामान्य जनता को असुविधा न पहुंचाएं.
पत्र में कहा गया है,“संदेह है कि यह विरोध आगामी लोकसभा चुनाव से पहले राजनीति से प्रेरित है. भले ही किसानों की वास्तविक मांगें हों, फिर भी उन्हें आम जनता को परेशानी में डालने का अधिकार नहीं है.”
इसमें कहा गया है कि विरोध करने के उनके अधिकार को आम नागरिकों के बिना किसी समस्या के अपना जीवन जीने के अधिकार में बाधा डालने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.
पत्र में आगे कहा गया है,“भारत सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार न कर तथाकथित किसान नेताओं ने दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के लोगों के लिए समस्याएं पैदा करने के लिए ही दिल्ली जाने का फैसला किया है. यदि वे अभी भी विरोध पर अड़े हैं, तो उन्हें अपने मूल स्थानों पर विरोध करना चाहिए.”
यह कहते हुए कि सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली उच्च न्यायालय, विभिन्न आयोगों और न्यायाधिकरणों व जिला न्यायालयों में प्रैक्टिस करने वाले वकीलों को अदालती कार्यवाही में भाग लेने के लिए बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, एससीबीए अध्यक्ष अग्रवाल ने सीजेआई से अनुरोध किया कि वे सभी संबंधितों को निर्देश जारी करें कि वे किसी भी मामले में उपस्थित न होने के कारण प्रतिकूल आदेश पारित न करें” जब तक कि किसानों के आंदोलन के कारण दिल्ली की सीमाओं पर जनता की मुक्त आवाजाही प्रभावित है.
इसके अलावा, उन्होंने सीजेआई से अनुरोध किया कि “उपद्रव पैदा करने और नागरिकों के दैनिक जीवन को परेशान करने के लिए जबरन दिल्ली में प्रवेश करने की कोशिश करने वाले दोषी किसानों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करें.”
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