झारखंड स्टाफ सेलेक्शन परीक्षा के पर्चे बिके थे 27 से 30 लाख में, रांची-पटना से चेन्नई तक सक्रिय था नेटवर्क

रांची, 13 फरवरी . झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल परीक्षा के पेपर लीक स्कैंडल के पीछे रांची से लेकर पटना तक सरकारी अफसरों, कोचिंग संचालकों और धंधेबाजों का बड़ा नेटवर्क सक्रिय रहा है. इस मामले में गिरफ्तार किए झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मो शमीम और उनके दो बेटों ने छह अभ्यर्थियों को परीक्षा के पहले 27-30 लाख रुपये में पर्चे उपलब्ध कराए थे.

मामले में गिरफ्तार झारखंड विधानसभा के अवर सचिव मोहम्मद शमीम और उसके दोनों बेटों शहजादा और शाहनवाज को रांची सिविल कोर्ट में पेशी के बाद 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. तीनों को नगड़ी थाना क्षेत्र से रविवार को गिरफ्तार किया गया था.

मामले में बिहार विधानसभा के कर्मी मोहम्मद रिजवान की भी संलिप्तता सामने आयी है. वह गिरफ्तार अवर सचिव का दामाद है. उसकी गिरफ्तारी के लिए एसआइटी ने पटना के अनीसाबाद स्थित उसके घर में छापा मारा तो वह फरार मिला.

पुलिस के अनुसार, पहले पेपर लीक मामले में अपनी संलिप्तता से गिरफ्तार अवर सचिव मोहम्मद शमीम ने इंकार किया. पर बाद में जब पुलिस ने सबूत पेश किए तो उसने कई जानकारियां पुलिस को दी.

शमीम ने बताया कि छह अभ्यर्थियों से डीलिंग हुई थी. 27 से 30 लाख में सौदा हुआ था. दो अभ्यर्थियों की परीक्षा 28 को हुई थी. परीक्षा से दो दिन पहले ही दोनों को पटना भेज दिया गया था. पटना में शमीम के दामाद रिजवान ने उनके रहने की व्यवस्था की थी. दोनों को परीक्षा के पहले ही उत्तर याद करा दिया गया था. इसके बाद उन्हें सेंटर तक छोड़ा गया. एक अभ्यर्थी का सेंटर धनबाद और दूसरे का रांची में था.

आरोपी ने दोनों अभ्यर्थियों का नाम और पता भी पुलिस को बता दिया है. ऐसे में उनकी तलाश की जा रही है. एसआइटी की टीम कार भी ढूंढ रही है. जेएसएससी पेपर लीक मामले में परीक्षा लेनेवाली एजेंसी सतवंत इंफो प्राइवेट लिमिटेड के कर्मियों से पूछताछ की जायेगी. इसके लिए आईपीएस के नेतृत्व में इंस्पेक्टर और दारोगा समेत चार लोगों की टीम चेन्नई गयी है. टीम यह जानकारी जुटाने की कोशिश करेगी कि कोई कर्मी इस मामले में शामिल है या नहीं.

गौरतलब है कि झारखंड स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की ओर से 28 जनवरी को आयोजित कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल एग्जाम (एसएससी-सीजीएल) की परीक्षा का पेपर लीक हो गया था. इसके बाद कमीशन ने पहले थर्ड पेपर यानी सामान्य ज्ञान की परीक्षा रद्द कर दी थी. अभ्यर्थियों के हंगामे के बाद आयोग को तीनों पत्रों की परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.

एसएससी-सीजीएल की इस परीक्षा के जरिए राज्य सरकार के विभिन्न विभागों में 2025 पदों पर नियुक्ति की जानी थी. इसके लिए साढ़े छह लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. अभ्यर्थियों की भारी संख्या की वजह से दो तिथियों 28 जनवरी और 4 फरवरी को परीक्षा की तिथि तय की गई थी. पहली तिथि यानी 28 जनवरी को राज्य भर के 735 केंद्रों पर तीन अलग-अलग पत्रों की परीक्षा तीन पालियों में ली गई थी, जिसमें करीब तीन लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे. पेपर लीक के बाद दूसरी तिथि की परीक्षा भी स्थगित कर दी गई.

एसएनसी/